Varanasi News : कचहरी में दरोगा से गालीगलौज, मारपीट और वर्दी का स्टार नोचा: दो महिलाएं फरार, तलाश जारी

वाराणसी के दीवानी कचहरी परिसर में एक हैरान कर देने वाली घटना में, दो महिलाओं ने रिजर्व पुलिस लाइंस के सब इंस्पेक्टर फूलचंद्र से गालीगलौज, मारपीट की और उनकी वर्दी का स्टार नोच लिया। बताया जा रहा है कि यह घटना विश्वनाथ मंदिर में दर्शन न करा पाने की पुरानी रंजिश के कारण हुई। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों महिलाओं की तलाश शुरू कर दी है।

Varanasi News : कचहरी में दरोगा से गालीगलौज, मारपीट और वर्दी का स्टार नोचा: दो महिलाएं फरार, तलाश जारी

Varanasi News : वाराणसी के दीवानी कचहरी परिसर में शुक्रवार, 27 जून 2025 को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जहाँ रिजर्व पुलिस लाइंस के सब इंस्पेक्टर फूलचंद्र के साथ दो महिलाओं ने गालीगलौज की, मारपीट की और उनकी वर्दी का स्टार भी नोच लिया। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस दोनों महिलाओं की तलाश कर रही है।


क्या था पूरा मामला?

सब इंस्पेक्टर फूलचंद्र ने पुलिस को बताया कि उनकी ड्यूटी सेशन लॉकअप फोर्स प्रभारी के तौर पर लगी थी। फोर्स की कमी के कारण वह हेड कांस्टेबल महेंद्र यादव के साथ अभियुक्त अकबर अली उर्फ राजा को पॉक्सो कोर्ट में पेशी कराने ले गए थे। पेशी कराकर वापस आते समय, कचहरी परिसर में अरुनी कुमार मिश्रा और स्वीटी मिश्रा नाम की दो महिलाएं उनसे गालीगलौज करने लगीं। इसके बाद उन्होंने दरोगा के साथ मारपीट की और उनकी वर्दी का स्टार नोच लिया।


एक साल पुरानी 'खुन्नस' बनी हमले की वजह

दरोगा फूलचंद्र ने मारपीट का कारण बताते हुए कहा कि लगभग साल भर पहले उनकी ड्यूटी विश्वनाथ मंदिर में लगी थी। उस दौरान इन दोनों महिलाओं ने उनसे मंदिर में दर्शन कराने के लिए कहा था, लेकिन वह किसी वजह से ऐसा नहीं करा पाए थे। उन्होंने आशंका जताई है कि उसी बात की खुन्नस में, उन्हें कचहरी में सामने देख कर दोनों महिलाओं ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की।


पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, तलाश जारी

सब इंस्पेक्टर फूलचंद्र की तहरीर पर कैंट थाने की पुलिस ने अरुनी कुमार मिश्रा और स्वीटी मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

कैंट इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि सब इंस्पेक्टर से गालीगलौज और मारपीट करने वाली महिलाओं का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है और जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी होगी। यह घटना पुलिसकर्मियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और उनके कर्तव्यों में बाधा डालने के गंभीर मामले को उजागर करती है।