अमरनाथ यात्रा 2025: LG मनोज सिन्हा बोले- रजिस्ट्रेशन में आई कमी, उम्मीद है बढ़ेगी संख्या; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार रजिस्ट्रेशन कम हुए हैं, लेकिन उम्मीद है कि संख्या बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यात्रा के ट्रैक को चौड़ा किया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, हालांकि इस साल हेली यात्रा पर रोक रहेगी।

अमरनाथ यात्रा 2025: LG मनोज सिन्हा बोले- रजिस्ट्रेशन में आई कमी, उम्मीद है बढ़ेगी संख्या; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि इस साल रजिस्ट्रेशन की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है, लेकिन उम्मीद है कि यह जल्द बढ़ेगी। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के लिए श्राइन बोर्ड ने सुविधाओं को अपग्रेड और विस्तारित किया है। घाटी में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।


यात्रा से जुड़ी मुख्य बातें

  • अवधि और मार्ग: 38 दिनों की यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। श्रद्धालु दो मुख्य मार्गों का उपयोग करेंगे: अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम रूट और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा लेकिन दुर्गम बालटाल रूट। तीर्थयात्री 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे। यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले भगवती नगर, जम्मू से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना होगा।

  • ट्रैक का चौड़ीकरण: उपराज्यपाल सिन्हा ने बताया कि यात्रा के लिए दोनों रूटों पर पहले ट्रैक सिर्फ 5 फीट चौड़े हुआ करते थे, लेकिन अब इन्हें 12 फीट तक चौड़ा कर लिया गया है, जिससे यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी।

  • रजिस्ट्रेशन की स्थिति: उन्होंने कहा कि पिछले साल 5.12 लाख यात्री अमरनाथ यात्रा पर आए थे, जबकि इस साल अब तक 30-40 हजार कम रजिस्ट्रेशन हुए हैं। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी। सिन्हा ने 22 अप्रैल की घटना (पहलगाम आतंकी हमला) का जिक्र करते हुए कहा कि उससे पहले 2.36 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें घटना के बाद थोड़ी गिरावट आई, लेकिन कल तक 80 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने अपनी यात्रा की पुष्टि की है।

  • कचरा मुक्त यात्रा का संकल्प: एलजी सिन्हा ने कहा कि पिछली बार यात्रियों से मिली प्रतिक्रिया संतोषजनक रही थी। यात्रियों की सहुलियत के लिए पिछले 3 सालों से आरएफआईडी (Radio-frequency identification) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए गए हैं और एक कमांड कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड किया गया है और दोनों तरफ बिजली ग्रिड प्रणाली पूरी दक्षता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कचरा मुक्त यात्रा के लिए प्रतिबद्धता जताई और कहा कि ग्रामीण व शहरी विकास विभाग सफाई पर काम कर रहे हैं।

  • खराब मौसम और आवास: घाटी के खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए यात्रियों के आवास का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

  • हेली यात्रा पर रोक: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल हेली यात्रा सेवा रोक दी गई है। एलजी सिन्हा ने बताया कि यह निर्णय हाल ही में हुई कुछ घटनाओं और सुरक्षा बलों के परामर्श के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि केवल 8% यात्री ही हेली सेवा का उपयोग करते थे, इसलिए इस सेवा के बंद होने से यात्रा पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने सभी टट्टू वालों और यात्रियों का इंश्योरेंस कराने की जानकारी भी दी।

यह यात्रा भक्तों के लिए एक सुरक्षित और सुगम अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की तैयारियों को दर्शाती है।