कोलकाता गैंगरेप: आरोपी छात्र नेता के पिता बोले- 'बेटा दोषी है तो मिले सजा'

साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी के पिता ने बयान दिया है कि अगर उनका बेटा दोषी है, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़े आरोपी के पिता ने कॉलेज में गुटबाजी का भी जिक्र किया।

कोलकाता गैंगरेप: आरोपी छात्र नेता के पिता बोले- 'बेटा दोषी है तो मिले सजा'

कोलकाता, पश्चिम बंगाल: साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए सामूहिक बलात्कार मामले में एक नया मोड़ आया है। मुख्य आरोपी के पिता ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया है कि अगर उनका बेटा दोषी पाया जाता है, तो उसे कानून के तहत कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस जघन्य अपराध को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक आक्रोश है।


कानून से ऊपर कोई नहीं

इस केस में गिरफ्तार किया गया युवक तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। उसके पिता, जो खुद भी पार्टी से संबंधित हैं, ने अपने बेटे की राजनीतिक पृष्ठभूमि को स्वीकार किया। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह उनका अपना बेटा ही क्यों न हो।

मीडिया से बातचीत करते हुए आरोपी के पिता ने कहा, "अगर मेरा बेटा दोषी है, तो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। जांच चल रही है, और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।"

उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को अपनी क्षमता के अनुसार पढ़ाया और बढ़ाया, लेकिन पिछले 5-6 सालों से उनका बेटा उनसे किसी तरह के संपर्क में नहीं है। पिता के अनुसार, "अब जब वह चालीस की उम्र पार कर चुका है, तो अगर वह किसी अपराध में फंसता है तो इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं हो सकती। मैंने अपनी जिम्मेदारी निभा दी है।"


लॉ कॉलेज में गुटबाजी का जिक्र

आरोपी के पिता ने कॉलेज की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के कॉलेज के दिनों में वहां गुटबाजी का माहौल था। उन्होंने बताया, "जब मेरा बेटा उस कॉलेज में पढ़ता था, तो मैं सिर्फ एक बार गया था, वह भी उसके एडमिशन के समय। बाद में उसने वहीं से पढ़ाई पूरी की और कोर्ट में प्रैक्टिस भी शुरू कर दी।"

उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज में कार्यक्रमों के दौरान उनके बेटे को बुलाया जाता था और वहां अक्सर अपने ही गुट के लोग आपस में विरोध करते रहते थे। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में टिप्पणी की कि "यहां हर कोई खुद को वकील समझता है।"


आर्थिक स्थिति और कानूनी लड़ाई

अपने आर्थिक हालात को लेकर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे कानूनी लड़ाई लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं रोज की जिंदगी जीता हूं। मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं किसी बड़े मुकदमे लड़ सकूं।"

यह बयान ऐसे समय में आया है जब पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लग रहे हैं, और इसने इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक नई परत जोड़ दी है।