"5 साल तक हर दिन थप्पड़ मारा," राहुल बोस का चौंकाने वाला खुलासा: मां की 'कठोर परवरिश' ने बनाया उन्हें आज का इंसान

बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस ने अपनी परवरिश को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उनकी मां ने उन्हें 5 साल तक हर दिन थप्पड़ मारे थे, और उनकी 'कठोर परवरिश' ने ही उन्हें आज का इंसान बनाने में मदद की, जबकि वह बचपन में 'निकम्मा' थे।

"5 साल तक हर दिन थप्पड़ मारा," राहुल बोस का चौंकाने वाला खुलासा: मां की 'कठोर परवरिश' ने बनाया उन्हें आज का इंसान

बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस, जो लंबे समय से फिल्मी पर्दे से दूर हैं, ने हाल ही में अपनी निजी ज़िंदगी और परवरिश को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह उनके माता-पिता ने उन्हें पाला और कैसे उनकी मां की 'कठोर परवरिश' ने उन्हें आज का इंसान बनाने में मदद की। राहुल बोस ने खुद को बचपन में 'निकम्मा' बताया।


लैंगिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाला घर

राहुल बोस ने कहा कि वह एक ऐसे घर में पले-बढ़े हैं, जहाँ लैंगिक मानदंडों का उल्लंघन होता था। उन्होंने एएनआई को बताया, "मैं इस शब्द (जागृत) के आने से बहुत पहले ही जाग गया था क्योंकि मेरी माँ ने कभी खाना नहीं बनाया, मेरे पिता ने खाना बनाया।"


"मैं इतना निकम्मा था कि इससे मुझे ही मदद मिली"

अपनी मां की परवरिश के बारे में बात करते हुए राहुल बोस ने एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, "मेरी माँ ने मुझे 5 साल तक हर दिन थप्पड़ मारे। मैं इतना निकम्मा था कि इससे मुझे ही मदद मिली।" उन्होंने आगे कहा, "आप आजकल ऐसा नहीं कह सकते, लेकिन मेरा विश्वास करो, मैं उन दिनों इतना निकम्मा था कि इससे ही मुझे मदद मिली।"

उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मां ने उन्हें रग्बी और बॉक्सिंग खेलने के लिए मजबूर किया, जबकि उनके पिता इस बात से परेशान रहते थे। राहुल ने कहा, "मैंने स्कूल में बॉक्सिंग की थी और मेरे पिता इस बात से बहुत परेशान थे। वह चाहते थे कि मैं टोपी पहनूं ताकि धूप में मेरा रंग काला न हो जाए। वह चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं और सज्जन व्यक्ति बनूं। उन्होंने मुझे रग्बी खेलते देखा और जब वह मैदान में उतरे तो कभी मैदान की तरफ नहीं देखा… मैं एक ऐसे पिता का बेटा हूं जो शादी में क्या पहनना चाहिए यह पूछते थे और एक ऐसी मां जो पूछती थी कि मुझे अपने करियर के साथ क्या करना चाहिए। यह बिल्कुल विपरीत है।"


राहुल बोस का करियर

राहुल बोस ने एक यूनिक सोच वाले एक्टर और डायरेक्टर के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनके करियर की शुरुआत इंडी कल्ट क्लासिक 'इंग्लिश, अगस्त' (1994) से हुई, जिसमें उन्होंने अगस्त्य सेन की भूमिका निभाई थी। उन्होंने 'झंकार बीट्स' (2003) से अपना ऑफिशियल बॉलीवुड डेब्यू किया, जो शहरी मल्टीप्लेक्स में हिट हुई थी। हालांकि उनके फिल्मी ग्राफ में कोई बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म शामिल नहीं है, फिर भी उनके काम को हमेशा सराहा गया है।

राहुल बोस का यह खुलासा बताता है कि उनके जीवन में उनकी मां की परवरिश का गहरा प्रभाव पड़ा है और उन्होंने उसे एक सकारात्मक अनुभव के रूप में देखा है।