महाराष्ट्र: 'मुख्यमंत्री के नाम पर सबसे पहले एकनाथ शिंदे का नाम आता है' - शिवसेना नेता मनीषा कायंदे
शिवसेना (शिंदे गुट) की एमएलसी मनीषा कायंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की चर्चा होते ही लोगों के मन में सबसे पहले एकनाथ शिंदे का नाम आता है। उन्होंने शिंदे को 'राष्ट्रीय स्तर का नेता' बताया और महायुति की चुनावी जीत में उनके नेतृत्व को अहम बताया।

मुंबई, महाराष्ट्र: शिवसेना (शिंदे गुट) की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनीषा कायंदे ने एक बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि जब भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की चर्चा होती है, तो लोगों के मन में सबसे पहले एकनाथ शिंदे का नाम आता है, भले ही वे वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री हों। कायंदे ने शिंदे को शिवसेना के लिए 'मुख्यमंत्री' बताया।
महायुति की जीत और शिंदे का योगदान
शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनीषा कायंदे ने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति सरकार (जिसमें शिवसेना-शिंदे गुट, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं) की जीत दो मुख्य कारणों से हुई है:
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मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना: यह शिंदे सरकार की एक प्रमुख जनकल्याणकारी योजना है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की सहायता दी जाती है।
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एकनाथ शिंदे का नेतृत्व: कायंदे ने शिंदे के नेतृत्व को महायुति की जीत का एक प्रमुख कारण बताया।
शिंदे की राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती पहचान
कायंदे ने शिंदे के व्यक्तित्व और कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अब सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर के नेता बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि शिंदे सिर्फ बोलते नहीं, बल्कि काम भी करते हैं। मनीषा कायंदे ने आगे कहा, "भले ही वह आज उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन शिंदे शिवसेना के लिए वो मुख्यमंत्री हैं। कई लोगों के शिवसेना में शामिल होने के पीछे का कारण शिंदे के नेतृत्व पर भरोसा है।"
गौरतलब है कि 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के भीतर बगावत कर दी थी, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। बाद में चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को दे दिया था, जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (UBT) कहा जाने लगा।