वरिष्ठ IPS अधिकारी पराग जैन बने RAW के नए प्रमुख

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह 30 जून को वर्तमान प्रमुख रवि सिन्हा का स्थान लेंगे और दो साल का कार्यकाल संभालेंगे। जैन को खुफिया तंत्र, खासकर पड़ोसी देशों से जुड़े मामलों में गहरी समझ के लिए जाना जाता है।

वरिष्ठ IPS अधिकारी पराग जैन बने RAW के नए प्रमुख
पराग जैन

भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को नया मुखिया मिल गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को RAW का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे वर्तमान RAW चीफ रवि सिन्हा की जगह लेंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जैन को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है।


पराग जैन का अनुभव और विशेषज्ञता

पराग जैन वर्तमान में RAW के एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख हैं, जो हवाई निगरानी सहित कई रणनीतिक कार्यों से जुड़ा है। उन्हें खुफिया तंत्र, खासकर भारत के पड़ोसी देशों से जुड़े मामलों में गहरी समझ और रणनीतिक दक्षता के लिए जाना जाता है। वह RAW के भीतर पाकिस्तान डेस्क को लंबे समय तक संभाल चुके हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान भी उन्होंने संवेदनशील सूचनाओं के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई थी।


करियर और प्रमुख भूमिकाएँ

जैन 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और पंजाब कैडर से आते हैं। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के चरम काल के दौरान SSP और DIG के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने RAW में दो दशक से अधिक समय तक काम किया है और इस दौरान कई अहम अंतरराष्ट्रीय मिशनों का हिस्सा रहे हैं। पराग जैन के नेतृत्व में RAW की रणनीति में और अधिक आक्रामक, प्रौद्योगिकी-आधारित और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण देखने को मिल सकता है।


विदेशों में अहम जिम्मेदारियां

पराग जैन ने भारत के श्रीलंका और कनाडा स्थित मिशनों में भी सेवा दी है। कनाडा में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खालिस्तानी आतंकी मॉड्यूल पर निगरानी रखी और भारत विरोधी गतिविधियों पर सटीक जानकारी जुटाने में अहम योगदान दिया। पाकिस्तान और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में जैन की गहरी भूमिका मानी जाती रही है।


नियुक्ति का महत्व

पराग जैन की नियुक्ति कई मायनों में अहम है:

  • पाकिस्तान और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में उनकी गहरी भूमिका रही है।

  • चीन, नेपाल, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए एक अनुभवी और जमीनी समझ रखने वाले RAW प्रमुख की आवश्यकता थी।

  • कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर उनकी जानकारी भारत के लिए रणनीतिक बढ़त साबित हो सकती है।

पराग जैन का विशाल अनुभव और पड़ोसी देशों पर उनकी विशेषज्ञता RAW को नई दिशा दे सकती है।

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