Varanasi News : मिंट हाउस संपत्ति पर डॉ. अनंत नारायण सिंह का ही रहेगा स्वामित्व, काशी नरेश की बेटियों का दावा खारिज

वाराणसी के मिंट हाउस प्रॉपर्टी (टकसाल) के स्वामित्व विवाद में कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के पक्ष में फैसला आया है। एसडीएम सदर ने काशी नरेश की बेटियों के नाम दर्ज करने के दावे को खारिज कर दिया है, जिससे इस संपत्ति पर अनंत नारायण सिंह का ही अधिकार बरकरार रहेगा।

Varanasi News : मिंट हाउस संपत्ति पर डॉ. अनंत नारायण सिंह का ही रहेगा स्वामित्व, काशी नरेश की बेटियों का दावा खारिज

काशी नरेश की प्रतिष्ठित कैंटोनमेंट स्थित मिंट हाउस प्रॉपर्टी (टकसाल) के स्वामित्व विवाद में कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के पक्ष में फैसला आया है। एसडीएम सदर सुनीता गुप्ता ने दस्तावेजों की गहन जाँच के बाद डॉ. अनंत नारायण सिंह का नाम ही बतौर वारिस दर्ज रहने का आदेश दिया है, जिससे काशी नरेश की बेटियों का इस संपत्ति में नाम दर्ज करने का दावा खारिज हो गया है।


दावे और खारिज होने की कहानी

रविवार को कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के पावर अटॉर्नी अनिल कुमार सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि काशी नरेश की तीनों बेटियों ने मिंट हाउस प्रॉपर्टी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में आवेदन किया था। उनके दावे का आधार सन 1969 के एक पारिवारिक समझौते को बताया गया था।

हालांकि, कोर्ट ने इस पारिवारिक समझौते को रजिस्टर्ड न होने के कारण अस्वीकार कर दिया। अनिल कुमार सिंह ने यह भी बताया कि इससे पहले भी तीनों पुत्रियों ने नायब तहसीलदार शहर सदर के यहाँ सन 1952 का एक गलत बख्शीशनामा लगाकर नाम चढ़ाने की कोशिश की थी, जिसे नायब तहसीलदार ने भी खारिज कर दिया था। इसके बाद पुत्रियों ने सदर एसडीएम सुनीता गुप्ता के कोर्ट में अपील की थी, जहाँ से अब यह फैसला आया है।


पूर्व काशी नरेश की वसीयत और अवैध बस स्टैंड का मुद्दा

अनिल कुमार सिंह ने जोर देकर कहा कि पूर्व काशी नरेश महाराज विभूति नारायण सिंह ने सन 2000 में ही अपनी संपूर्ण संपत्ति को एक वसीयतनामे के माध्यम से अपने पुत्र कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के हक में कर दिया था।

उन्होंने आगे बताया कि मिंट हाउस की प्रॉपर्टी पर वर्तमान में अवैध तरीके से बस स्टैंड का संचालन किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही नगर आयुक्त और पुलिस आयुक्त से मिलकर शिकायत की जाएगी ताकि अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।

यह फैसला काशी राजपरिवार की संपत्ति से जुड़े एक महत्वपूर्ण विवाद को सुलझाता है, जिससे मिंट हाउस पर डॉ. अनंत नारायण सिंह का स्वामित्व बरकरार रहेगा।