वाराणसी स्टेशन पर RPF की AHTU टीम ने 3 भटके हुए नाबालिगों को चाइल्डलाइन को सौंपा

वाराणसी स्टेशन पर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर गठित RPF की AHTU टीम ने चेकिंग के दौरान तीन भटके हुए नाबालिग बच्चों (11, 16 और 17 वर्ष) को सुरक्षित बचाया। इन बच्चों को बाद में आवश्यक कार्रवाई के लिए चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया।

वाराणसी स्टेशन पर RPF की AHTU टीम ने 3 भटके हुए नाबालिगों को चाइल्डलाइन को सौंपा

वाराणसी, 28 जून, 2025: आज वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त देवांश शुक्ला के निर्देश पर गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) टीम ने वाराणसी स्टेशन परिसर में चेकिंग के दौरान तीन भटके हुए नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया और उन्हें चाइल्डलाइन को सौंप दिया।


कहां और कैसे मिले बच्चे?

  • नौमी विश्वकर्मा (11 वर्ष): AHTU टीम में शामिल ASI धर्मेंद्र कुमार यादव, महिला कांस्टेबल प्रियंका दुबे और निशा जब वाराणसी स्टेशन के पुराने पुल पर गश्त कर रही थीं, तो उन्होंने एक नाबालिग लड़के को रेलिंग के पास मायूस हालत में अकेले खड़ा देखा। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम नौमी विश्वकर्मा, उम्र 11 वर्ष, पुत्र/माता उर्मिला, निवासी शीतला माता मंदिर, थाना दक्षिण टोला, जनपद मऊ, (उत्तर प्रदेश) बताया। उसने बताया कि वह भटककर यहाँ आ गया है।

  • निगम चेरो (16 वर्ष): इसी दौरान, टीम को प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर एक अन्य नाबालिग लड़का हताश अवस्था में बेंच पर बैठा मिला। पूछने पर उसने अपना नाम निगम चेरो, उम्र 16 वर्ष, पुत्र सुरेंद्र चेरो, निवासी वार्ड नंबर 08, टोला परसवान सूंडी, थाना राजी, जनपद गढ़वा (झारखंड) बताया।

  • राहुल कुमार (17 वर्ष): प्लेटफॉर्म संख्या 5 पर चेकिंग करते समय, टीम को एस्केलेटर के पास एक और लड़का मायूस हालत में मिला। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम राहुल कुमार, उम्र 17 वर्ष, ग्राम गया घाट, पोस्ट अंदर बाजार, जिला सिवान (बिहार) बताया। उसने बताया कि वह घर से नाराज होकर भटककर स्टेशन पर आ गया है।


चाइल्डलाइन को सौंपा गया

बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, RPF टीम उन्हें अपने कार्यालय ले आई और चाइल्डलाइन को इसकी सूचना दी। चाइल्डलाइन के केस वर्कर श्री सत्येंद्र कुमार सिंह और राजमणि के कार्यालय पहुँचने पर तीनों बच्चों को आगे की आवश्यक कार्यवाही और उनके परिजनों से मिलाने के लिए चाइल्डलाइन को सुरक्षित सुपुर्द कर दिया गया।

RPF की AHTU टीम द्वारा यह सराहनीय कार्य मानव तस्करी और बच्चों को भटकने से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।