IIT BHU : में छात्राओं की सुरक्षा को विशेष पहल महिला प्रॉक्टोरियल बोर्ड गठित, एक कॉल पर मिलेगा समाधान

आईआईटी बीएचयू ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए पहली बार 'महिला प्रॉक्टोरियल बोर्ड' का गठन किया है। यह टीम 24x7 सक्रिय रहेगी और छात्राओं की समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई करेगी। संस्थान ने 'वाहन ऑन कॉल' सेवा भी शुरू की है।

IIT BHU :  में छात्राओं की सुरक्षा को विशेष पहल  महिला प्रॉक्टोरियल बोर्ड  गठित, एक कॉल पर मिलेगा समाधान

Varanasi News : आईआईटी (BHU) परिसर में छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। संस्थान ने पहली बार एक महिला प्रॉक्टोरियल बोर्ड का गठन किया है, जो छात्राओं की किसी भी समस्या के लिए 24x7 एक्शन मोड में रहेगी और उनकी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करेगी। छात्रा की एक कॉल पर यह पूरी टीम मौके पर पहुंचेगी। संस्थान की ओर से कंट्रोल रूम और प्रॉक्टर कार्यालय के आपातकालीन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं।


'वाहन ऑन कॉल' सेवा और टीम का ढाँचा

आईआईटी (BHU) ने परिसर में 'वाहन ऑन कॉल' सेवा भी शुरू की है, जिसका उद्देश्य छात्राओं को आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित आवाजाही की सुविधा प्रदान करना है। यह महिला प्रॉक्टोरियल टीम चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सिंह के अंतर्गत कार्य करेगी।

टीम की कन्वीनर केमिकल इंजीनियरिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्वेता को नियुक्त किया गया है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तनीमा दत्ता, डॉ. स्नेहा और आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड डिजाइन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरसिमरन कौर को सदस्य नामित किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रॉक्टर कार्यालय से एक सिक्योरिटी ऑफिसर और एक ड्यूटी ऑफिसर भी इस टीम का हिस्सा होंगे।


निर्भय होकर बनेंगी सशक्त

संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने इस पहल पर जोर देते हुए कहा कि छात्राओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मविश्वास सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महिला प्रॉक्टोरियल टीम की मदद से छात्राएं निर्भय होकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगी और सशक्त बनेंगी।

संस्थान ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए नाइट पेट्रोलिंग, महिला और पुरुष सुरक्षाकर्मियों द्वारा सचल दस्ते की निगरानी, और पिंक बूथ पर 24x7 महिला सुरक्षा गार्ड के साथ ही महिला पुलिसकर्मी की तैनाती भी की है। यह पहल आईआईटी बीएचयू में छात्राओं के लिए एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।