बीएचयू: महामना की प्रतिमा के अपमान पर छात्रों में आक्रोश, कुलपति और पुलिस कमिश्नर से शिकायत
वाराणसी के बीएचयू में भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पैर रखकर सफाई करने का वीडियो वायरल होने से छात्र आक्रोशित हैं। शोध छात्र नील दुबे ने कुलपति और पुलिस कमिश्नर से शिकायत कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पैर रखकर चढ़कर सफाई करने का मामला सामने आया है, जिससे छात्रों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस घटना को लेकर बीएचयू के हिंदी विभाग के शोध छात्र नील दुबे ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलपति, रेक्टर, रजिस्ट्रार, चीफ प्रॉक्टर और पुलिस आयुक्त से शिकायत की है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, बुधवार देर रात पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार द्वारा मालवीय प्रतिमा की सफाई कराई जा रही थी। सफाईकर्मी बिना सीढ़ी का इस्तेमाल किए सीधे प्रतिमा पर पैर रखकर चढ़ गए और सफाई करने लगे। इस दौरान कुछ राहगीरों ने आपत्ति जताई और घटना का वीडियो बना लिया, जो बाद में वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने पर जब छात्रों को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे आक्रोशित हो उठे और उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की। छात्रों ने इस खबर को उजागर करने वाले पत्रकारों पर हुई कार्रवाई की भी निंदा की है।
छात्रों और पूर्व सदस्यों की प्रतिक्रिया
नील दुबे, जो स्वयं पत्रकार और शोधार्थी हैं, ने कहा, "महामना का अपमान देश का अपमान है। हमारे ईश्वर का अपमान है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पत्रकार लोकतंत्र के आधारस्तम्भ हैं, इन पर कार्रवाई दुखद है।"
बीएचयू के वरिष्ठ छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी आजाद ने भी कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, "दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि मालवीय जी का अपमान काशी हिंदू विश्वविद्यालय और पूरे देश का अपमान है, इसलिए इसमें दोषी लोग सार्वजनिक रूप से पूरे देश से माफी मांगे।"
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व सदस्य अभिषेक कुमार सिंह ने इस घटना के लिए विश्वविद्यालय की प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय की प्रशासनिक लापरवाही के कारण महामना की प्रतिमा पर लगातार ऐसी घटनाएं होती हैं। विश्वविद्यालय को भी माफी मांगनी चाहिए। विश्वविद्यालय सहित प्रदेश सरकार से आग्रह है कि 24 घंटे प्रतिमा की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।"
इस घटना ने न केवल विश्वविद्यालय परिसर में बल्कि व्यापक स्तर पर भी चिंता पैदा कर दी है, और सभी की निगाहें अब विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।