कथावाचक की पिटाई पर अखिलेश यादव बोले: अगर भागवत कथा सुन सकते हैं तो सुना क्यों नहीं सकते?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में कथावाचक की पिटाई की घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग भागवत कथा सुन सकते हैं, तो उन्हें सुनाने से क्यों रोका जाए। उन्होंने भाजपा सरकार और 'प्रभुत्ववादी' लोगों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया।

Lucknow News : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में कथावाचक की पिटाई के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तथाकथित 'वर्चस्ववादी' लोगों पर निशाना साधा है। मंगलवार को सपा मुख्यालय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग कथावाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं, और इटावा की घटना ऐसे ही 'प्रभुत्वशाली' लोगों की वजह से हुई है।
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया, "अगर सभी लोग भागवत कथा सुन सकते हैं तो सुना क्यों नहीं सकते हैं? अगर सच्चे कृष्ण भक्तों को भागवत कथा कहने से रोका जाएगा तो कोई ये अपमान क्यों सहेगा?" उन्होंने आगे कहा कि 'प्रभुत्ववादी' लोग यह घोषित करें कि वे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) द्वारा दिया गया दान और चढ़ावा कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
'भाजपा सरकार हृदयहीन और अलोकतांत्रिक'
गौरतलब है कि इटावा में कथावाचक की जाति पूछने के बाद पिटाई, बाल काटने और महिला के पैर पर नाक रगड़वाने का वीडियो वायरल होने के बाद से राजनीति तेज़ हो गई है। इस पर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को 'हृदयहीन और अलोकतांत्रिक' बताया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष कार्रवाई करने लगे तो ऐसी बहुत सी घटनाएँ नहीं होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान और प्रस्तावना के तहत ही फैसला लिया जाए तो गरीब, गाँव में रहने वाले लोगों और अल्पसंख्यकों का सम्मान होने लगेगा।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अगर पीडीए का कोई व्यक्ति मंदिर चला जाए तो ये लोग उसे गंगाजल से धोते हैं। उन्होंने दावा किया कि ऐसे 'प्रभुत्वशाली' लोगों को सरकार का आशीर्वाद प्राप्त है, जिसके कारण वे ऐसा कर रहे हैं।
यह घटना उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के मुद्दे को एक बार फिर से गरमा रही है, जिस पर राजनीतिक बहस तेज़ हो गई है।