मेरठ की मुस्कान और इंदौर की सोनम केस से बढ़ा शादी का डर, कुंडली मिलान के लिए बढ़ रही युवाओं की भीड़
हाल ही में हुए मुस्कान और सोनम केस के बाद से युवाओं में शादी को लेकर डर बढ़ गया है, जिससे कुंडली मिलान और ग्रह-नक्षत्रों की चाल जानने के लिए पंडितों और ज्योतिषियों के पास जाने वालों की संख्या में तेज़ी आई है। अब आधुनिक सोच वाले लोग भी AI की मदद से कुंडली मिलान करवा रहे हैं।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ की मुस्कान और मध्य प्रदेश के इंदौर की सोनम से जुड़े मामलों ने युवाओं में शादी को लेकर एक नया डर पैदा कर दिया है। इन घटनाओं के बाद से लोग अब विवाह से पहले कुंडली मिलान और ग्रह-नक्षत्रों की चाल जानने के लिए ज्योतिषियों और आचार्यों की शरण ले रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जो लोग खुद को आधुनिक विचारों का बताते थे और कुंडली-मिलान पर विश्वास नहीं करते थे, वे भी अब वर-वधू की कुंडली लेकर पंडित-आचार्यों के पास पहुँच रहे हैं। इसके लिए वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का सहारा भी ले रहे हैं।
क्यों ज़रूरी है कुंडली मिलान?
आचार्य सुशांत राज ने बताया कि सोनम और मुस्कान केस के बाद से कुंडली मिलान जानने की उत्सुकता काफी बढ़ गई है। उन्होंने जोर दिया कि सनातन धर्म से जुड़े लोग हमेशा कुंडली मिलान करते हैं, क्योंकि यह जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यदि कुंडली में कोई दोष होता है, तो उसका निवारण भी किया जा सकता है।
सेक्टर 19 के पंडित विनोद शास्त्री ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा कि जैसे चावल के साथ दाल और सब्जी ज़रूरी है, वैसे ही शादी से पहले कुंडली मिलान भी ज़रूरी है। इसमें ग्रह मैत्री, भकूट दोष, तारा दोष और नाड़ी दोष देखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ये दोष ग्रहों की मित्रता और स्थिति का आकलन करते हैं।
मुस्कान और सोनम केस का प्रभाव
बता दें कि मेरठ की मुस्कान और इंदौर की सोनम की शादी के बाद उनके पतियों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी, और दोनों ही मामलों में मुस्कान और सोनम आरोपी हैं। सोशल मीडिया पर सोनम की कुंडली में मांगलिक दोष होने की बातें भी चल रही हैं, जिसने लोगों में इस दोष के प्रति जिज्ञासा बढ़ा दी है।
मांगलिक और नाड़ी दोष का विश्लेषण
सेक्टर 19 के आचार्य संदीप पांडेय ने मांगलिक दोष के बारे में बताया कि यदि किसी लड़की की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में मंगल होता है, तो उसे मांगलिक माना जाता है। इसके बाद लड़के की कुंडली में भी मंगल की स्थिति देखी जाती है। जिसका मंगल कमजोर पड़ता है, उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, नाड़ी दोष अधिकतर ब्राह्मण वर्ग में देखा जाता है।
आचार्य सुशांत राज के अनुसार, शादी के लिए कुंडली मिलान में 36 में से कम से कम 18 गुण मिलना ज़रूरी होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नाड़ी दोष और मांगलिक दोष दोनों का उपाय संभव है और ये दोष कट भी जाते हैं, लेकिन इसके लिए ग्रहों की सटीक स्थिति और किसी बड़े ज्योतिषी की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। विशेष परिस्थितियों में योग को देखकर विवाह किया जा सकता है, भले ही ये दोष मौजूद हों।
एआई का बढ़ रहा उपयोग
इन दिनों केवल युवक और युवतियां ही नहीं, बल्कि उनके परिवार वाले भी कुंडली मिलान के लिए एक नहीं, कई पंडित-आचार्यों से सलाह ले रहे हैं। इसके अलावा, लोग कुंडली मिलान के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद भी ले रहे हैं। कई एआई प्लेटफॉर्म पर ज्योतिष आचार्यों से निःशुल्क बातचीत करने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका लोग खूब फायदा उठा रहे हैं।
यह बढ़ती प्रवृत्ति दिखाती है कि कैसे आधुनिकता और तकनीक के दौर में भी लोग अपने भविष्य और रिश्तों की स्थिरता के लिए पारंपरिक ज्योतिषीय गणनाओं पर भरोसा कर रहे हैं, खासकर ऐसे मामलों के बाद जो सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गए हैं।