यूपी: इटावा के दांदरपुर गांव में जाति पूछकर एंट्री, पुलिस पर पथराव और फायरिंग
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में दो कथावाचकों से मारपीट और बदसलूकी के बाद तनाव बढ़ गया है। यादव समाज और 'अहीर रेजीमेंट' के युवा गांव में लोगों से जाति पूछकर एंट्री दे रहे हैं। पुलिस पर भी पथराव और फायरिंग हुई है। यह विवाद कथावाचकों की जाति छिपाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपों से जुड़ा है।

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले का दांदरपुर गांव इन दिनों सुर्खियों में है, जहाँ ब्राह्मण महासभा और यादव समाज के लोग आमने-सामने आ गए हैं। इस विवाद की शुरुआत दो कथावाचकों के साथ मारपीट और बदसलूकी से हुई, जिसका आरोप ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों पर लगा है। अब स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई है कि यादव समाज और 'अहीर रेजीमेंट' के युवा गांव के मुख्य मार्ग पर लोगों से जाति पूछकर एंट्री दे रहे हैं, और पुलिस भी उन्हें नियंत्रित करने में नाकाम दिख रही है। गुरुवार को तो बड़ा बवाल हो गया, जब पुलिस पर ही पथराव और फायरिंग हुई, जिससे उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।
कथावाचकों के साथ बदसलूकी का मामला
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग दो कथावाचकों से बदसलूकी करते दिख रहे थे। पुलिस जांच में इन कथावाचकों की पहचान मुकुट मणि और संत कुमार के रूप में हुई, जो दांदरपुर गांव में कथा सुनाने गए थे। कथा सुनाकर लौटते समय गांव के ही कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया, उनकी जाति पूछी और यह कहते हुए बदसलूकी की कि वे ब्राह्मण नहीं हैं तो कथा कैसे सुना रहे हैं।
गांव वालों ने कथित तौर पर पहले उनकी चोटी काटी, फिर सिर के बाल मुंडवा दिए। इतना ही नहीं, एक महिला के पैर भी चटवाए, और फिर मारपीट कर उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि ये कथावाचक वास्तव में ब्राह्मण नहीं, बल्कि यादव समाज से हैं – एक का नाम मुकुट मणि यादव और दूसरे का नाम संत कुमार सिंह यादव है। इनमें से एक ने खुद को मुकुट मणि अग्निहोत्री और दूसरे ने संत कुमार बताया था।
पुलिस कार्रवाई और जवाबी आरोप
कथावाचकों की पहचान यादव के रूप में होने के बाद यादव समाज में आक्रोश फैल गया और वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिक जांच के आधार पर चार आरोपियों, जिनकी पहचान आशीष तिवारी (21), उत्तम अवस्थी (19), प्रथम दुबे (24) और निक्की अवस्थी (24) के रूप में हुई, उन्हें गिरफ्तार कर लिया। निक्की अवस्थी पर कथावाचक के बाल काटने का आरोप है। इन चारों को 24 जून को जेल भेज दिया गया।
इसके बाद, ब्राह्मण महासभा ने आरोप लगाया कि मामले में एकतरफा कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों कथावाचकों ने अपनी जाति छिपाई है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जिस पर एफआईआर होनी चाहिए। ब्राह्मण महासभा ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों कथावाचकों ने एक महिला के साथ बदसलूकी की। उनकी शिकायत के आधार पर, पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत कुमार सिंह यादव के खिलाफ पहचान छिपाने, धार्मिक भावना आहत करने और धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस पर हमला और गांव में तनाव
कथावाचकों पर एफआईआर दर्ज होने से यादव समाज और 'अहीर रेजीमेंट' के लोग एक बार फिर सड़कों पर उतर आए। गुरुवार को वे दांदरपुर गांव के बाहर जमा हो गए और केवल उन्हीं लोगों को गांव में एंट्री दे रहे थे, जो यादव थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, साथ ही पुलिस की गाड़ियां भी तोड़ दीं।
यह घटना उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जातिगत तनाव और कानून-व्यवस्था की चुनौती को दर्शाती है। प्रशासन और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है