उत्तर प्रदेश में हरियाली बढ़ाने का महाअभियान: 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, एक्सप्रेसवे पर खास फोकस

उत्तर प्रदेश सरकार 'हरित प्रदेश' बनाने के लक्ष्य के साथ वन महोत्सव (1-7 जुलाई) से 35 करोड़ पौधे लगाएगी। इस महाअभियान में सड़कों के किनारे और पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे, खासकर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके लिए 52 करोड़ से अधिक पौधे तैयार किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में हरियाली बढ़ाने का महाअभियान: 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, एक्सप्रेसवे पर खास फोकस

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश को 'हरित प्रदेश' बनाने की दिशा में योगी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। आगामी वन महोत्सव (1 से 7 जुलाई 2025) के साथ शुरू हो रहे वर्षा काल-2025 में प्रदेश भर में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी पौधारोपण महाअभियान के लिए वन विभाग ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं।


पौधरोपण का लक्ष्य और तैयारियां

पौधरोपण महाअभियान-2025 के लिए वन विभाग ने अन्य विभागों और निजी क्षेत्र के सहयोग से कुल 2586 पौधशालाओं में 52.43 करोड़ पौधे तैयार किए हैं, जो लक्ष्य से कहीं अधिक हैं। इनमें शामिल हैं:

  • वन विभाग: 1901 पौधशालाओं में 47.27 करोड़ पौधे

  • उद्यान विभाग: 146 पौधशालाओं में 1.55 करोड़ पौधे

  • रेशम विभाग: 55 पौधशालाओं में 44 लाख पौधे

  • निजी पौधशालाएं: 484 पौधशालाओं में 3.17 करोड़ पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा भी की।


एक्सप्रेसवे पर हरियाली पर विशेष ध्यान

इस अभियान में एक्सप्रेसवे के किनारे हरियाली बढ़ाने पर विशेष फोकस किया गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे के किनारे 2.50 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सर्वाधिक 1.20 लाख पौधे रोपे जाएंगे। अन्य एक्सप्रेसवे पर लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: 1.20 लाख पौधे

  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: 60,000 पौधे

  • गंगा एक्सप्रेसवे: 40,000 पौधे

  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: 20,000 पौधे

  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे: 10,000 पौधे

इसके अतिरिक्त, वन विभाग सड़कों के किनारे भी 1.14 करोड़ पौधे लगाएगा।

पौधरोपण मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि सभी के सहयोग से उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने का संकल्प साकार हो रहा है। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि राज्य की सुंदरता और वायु गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।