वाराणसी: रथयात्रा के अंतिम दिन मणिकर्णिका चक्र पुष्करिणी कुंड की आरती, स्वच्छता अभियान चलाया गया

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट स्थित पौराणिक विष्णु अनादि तीर्थ मणिकर्णिका चक्र पुष्करिणी कुंड में रथयात्रा के अंतिम दिन विशेष आरती और स्वच्छता अभियान चलाया गया। नमामि गंगे और वेदपाठी बटुकों ने कुंड की सफाई की और जल संरचनाओं के संरक्षण का संदेश दिया।

वाराणसी: रथयात्रा के अंतिम दिन मणिकर्णिका चक्र पुष्करिणी कुंड की आरती, स्वच्छता अभियान चलाया गया

वाराणसी, उत्तर प्रदेश: रथयात्रा के अंतिम दिन रविवार को वाराणसी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर स्थित विष्णु अनादि तीर्थ मणिकर्णिका चक्र पुष्करिणी कुंड में विशेष आरती और स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। नमामि गंगे ने योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के वेदपाठी बटुकों के साथ मिलकर यह अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य भूगर्भ जल के दिव्य स्रोतों और प्राचीन कुंडों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।


स्वच्छता और धार्मिक अनुष्ठान

आयोजन के दौरान, चारों धाम के पुण्य का लाभ प्रदान करने वाले चक्र पुष्करिणी कुंड की आरती उतारी गई। इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, शिव महिम्न स्तोत्रम और गंगाष्टकम का पाठ किया गया, जिससे सुख-समृद्धि की कामना की गई।

स्वच्छता अभियान के तहत, गंगा किनारे और चक्र पुष्करिणी कुंड में श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जित किए गए कपड़े और अन्य प्रदूषण कारक सामग्रियों को बाहर निकालकर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया। "सबका साथ हो - गंगा साफ हो" का संदेश देते हुए, जल संरचनाओं के रूप में मिली समृद्ध धरोहरों को सहेजने पर जोर दिया गया।


कुंड का पौराणिक महत्व

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि विष्णु अनादि मणिकर्णिका तीर्थ और चक्र पुष्करिणी कुंड की महिमा पृथ्वी के सभी तीर्थों की तुलना में श्रेष्ठ है। उन्होंने काशी खंड का उल्लेख करते हुए बताया कि गंगा अवतरण से पहले भी इस कुंड का अस्तित्व था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यहाँ हजारों वर्षों तक तपस्या की थी, और भगवान शिव व देवी पार्वती के स्नान के लिए उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से इस कुंड को स्थापित किया था।

राजेश शुक्ला ने कहा कि यह क्षेत्र धार्मिक आस्था और पर्यटन का केंद्र बिंदु है, इसलिए इसकी साफ-सफाई बहुत जरूरी है। उन्होंने शवदाह करने आए लोगों से भी तीर्थ की स्वच्छता बनाए रखने की अपील की।

इस आयोजन में नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला और योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के बटुक प्रमुख रूप से शामिल रहे।