काशी के लाल सौरभ यादव का कमाल: वियतनाम में जीता पहला अंतरराष्ट्रीय बीच कुश्ती स्वर्ण पदक, पढ़ाई में भी अव्वल
वाराणसी के पहलवान सौरभ यादव ने वियतनाम में आयोजित एशियाई बीच कुश्ती प्रतियोगिता में 80 किलो भार वर्ग में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में मंगोलियाई खिलाड़ी को हराकर यह गौरव हासिल किया, और पढ़ाई में भी वे अव्वल हैं।

वाराणसी: काशी के युवा पहलवान सौरभ यादव ने वियतनाम में आयोजित एशियाई बीच कुश्ती प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतकर देश और अपने गृह जनपद वाराणसी का नाम रोशन किया है। 80 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए, उन्होंने चार मुकाबलों में जीत हासिल कर यह गौरव प्राप्त किया।
मंगोलियाई खिलाड़ी को फाइनल में हराया
वियतनाम में खेली गई बीच कुश्ती के फाइनल मुकाबले में, वाराणसी के बच्छाव निवासी सौरभ यादव ने मंगोलिया के खिलाड़ी को चार अंकों के अंतर से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर का पहला स्वर्ण पदक और इस वर्ष का पांचवां पदक अपने नाम कर लिया।
सौरभ यादव ने इस सत्र में 80 किलो भार वर्ग में लगातार चार मुकाबलों में पदक जीतने का गौरव हासिल किया है, जो उनकी निरंतरता और प्रतिभा को दर्शाता है। इससे पहले, उन्होंने स्कूली नेशनल में कांस्य, खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रजत और सब जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई है।
खेल के साथ पढ़ाई में भी आगे
सौरभ यादव सिर्फ कुश्ती के मैदान में ही नहीं, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल हैं। उन्होंने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा गणित वर्ग में 79 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। बच्छाव निवासी सौरभ यादव नैपुरा के वितराघानंद आश्रम में अभ्यास करते हैं। उनके पिता एक किसान हैं।
फिलहाल, सौरभ वियतनाम में आयोजित छह दिवसीय शिविर में कुश्ती के दांव-पेंच सीख रहे हैं, जो 27 जून से 2 जुलाई तक चलेगा। इस प्रतियोगिता में भारतीय कुश्ती खिलाड़ी ने चीन के दो खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था और अंतिम मुकाबले में मंगोलियाई प्रतिद्वंद्वी को 5-1 के स्कोर से हराया।
भारतीय कुश्ती संघ ने सराहा प्रदर्शन
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने सौरभ के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, "काशी के कुश्ती खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिक से अधिक शिविर लगाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।"
यह उपलब्धि सौरभ यादव की कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा का परिणाम है, जो युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।
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