आतंकी खतरे के बीच कल होगी महा-मॉक ड्रिल, 6500 जवान रहेंगे मुस्तैद

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आतंकी खतरे के बीच कल होगी महा-मॉक ड्रिल, 6500 जवान रहेंगे मुस्तैद

वाराणसी: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद, पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसी कड़ी में वाराणसी भी पूरी तरह से सतर्क है। शहर में किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए बुधवार को एक विशाल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। जिला प्रशासन और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां युद्धस्तर पर इसकी तैयारियों में जुटी हुई हैं।

वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और पुलिस कमिश्नर आज शाम 5 बजे इस मॉक ड्रिल की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस उच्च-स्तरीय बैठक में सिविल डिफेंस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग और लोक निर्माण विभाग सहित कई महत्वपूर्ण एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।

आपदा से निपटने के लिए 6500 से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवक तैयार:

सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक जितेंद्रदेव सिंह ने बताया कि वाराणसी में किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कुल 6500 से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की एक मजबूत टीम तैयार है। इनमें से 5578 स्वयंसेवक विशेष रूप से आग लगने जैसी विनाशकारी आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों को कुशलतापूर्वक अंजाम देने के लिए गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 916 अन्य समर्पित स्वयंसेवक प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने में विशेषज्ञता रखते हैं, जो किसी भी घायल व्यक्ति को तत्काल सहायता पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

स्कूल-कॉलेजों में भी दिया जा रहा है आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण:

जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन की गंभीरता को समझते हुए स्कूल और कॉलेजों में भी नियमित रूप से प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को भूकंप या हवाई हमले जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों में सुरक्षित रहने और सही तरीके से प्रतिक्रिया करने के लिए सशक्त बनाना है।

'वार्डन सेवा' बनी प्रशासन की आंख और कान:

आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन और आम जनता के बीच एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य करने के लिए 'वार्डन सेवा' को सक्रिय किया गया है। स्थानीय क्षेत्र की गहरी जानकारी रखने वाले, साहसी और सतर्क व्यक्तियों को वार्डन के रूप में नियुक्त किया गया है। ये निस्वार्थ स्वयंसेवक बिना किसी वेतन के आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में अमूल्य सहयोग प्रदान करेंगे।

60 सायरन सिस्टम को किया जा रहा है सक्रिय:

सिविल डिफेंस के पास मौजूद 1960 के दशक के 60 सायरन सिस्टम को भी दुरुस्त करके सक्रिय किया जा रहा है। इनमें से कुछ सायरन खराब हो गए थे, जिन्हें अब मरम्मत करा लिया गया है। ये शक्तिशाली सायरन भूकंप, हवाई हमले या युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियों में लोगों को तुरंत अलर्ट करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

वाराणसी में इस बड़े पैमाने पर हो रही मॉक ड्रिल की तैयारी यह दर्शाती है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित खतरे को हल्के में नहीं ले रहा है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।