कानपुर में नाबालिग के साथ दरिंदगी: पेशाब पिलाई, चप्पल चटाई; वीडियो वायरल, आरोपी फरार
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक नाबालिग लड़के के साथ तीन युवकों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने नाबालिग को पहले पीटा, फिर जबरन पेशाब पिलाई और चप्पल पर थूक कर उसे चाटने के लिए मजबूर किया। इस शर्मनाक घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

कानपुर, उत्तर प्रदेश: कानपुर के गुजैनी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़के के साथ हैवानियत की हदें पार कर दी गई हैं। तीन युवकों ने नाबालिग के साथ बेरहमी से मारपीट की, उसे जबरन पेशाब पिलाई और चप्पल पर थूक कर उसे चाटने के लिए मजबूर किया। इस शर्मनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित नाबालिग ने पुलिस को बताया कि यह घटना 25 जून 2025 की है। उस दिन वह अपनी दुकान पर था, तभी दीपक पाल नाम के युवक ने आकर बताया कि उसे घर से निकाल दिया गया है और वह रामगोपाल चौराहे पर बैठा है।
पीड़ित जब दीपक से मिलने पहुंचा तो वहां दीपक के साथ शांतनु और डीके नाम के अन्य युवक भी मौजूद थे। तीनों ने उसे बहला-फुसलाकर एक सुनसान पार्क में बुलाया और फिर एक कार में बैठाकर उसे एक घर में ले गए, जहाँ उसके साथ दरिंदगी की गई।
हैवानियत की हदें पार
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि पहले उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई, फिर अश्लील हरकतें की गईं। दीपक ने उसे जबरन यूरिन (पेशाब) पिलाई और गंदी हरकत की। शांतनु ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और डीके ने अपनी चप्पल पर थूककर उसे चटाया। यह सब बताते हुए नाबालिग रो पड़ा। वीडियो में नाबालिग रहम की भीख मांगता दिख रहा है, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी।
पुलिस की कार्रवाई
डीसीपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर तीनों आरोपियों - दीपक पाल, शांतनु और डीके के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। प्रारंभिक जांच में नाबालिग और आरोपियों के बीच किसी भी तरह की पुरानी रंजिश की बात सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना समाज में बढ़ती क्रूरता और सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करती है।