मध्य प्रदेश में पर्यटन व निवेश की असीम संभावनाएं: उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल

वाराणसी में आयोजित रोड शो में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने प्रदेश में पर्यटन और निवेश की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गंगा-नर्मदा कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं से धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

मध्य प्रदेश में पर्यटन व निवेश की असीम संभावनाएं: उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल

वाराणसी, उत्तर प्रदेश: मध्य प्रदेश के पर्यटन उद्योग को नई दिशा देने और निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से आज, 27 जून 2025 को वाराणसी के होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा एक भव्य रोड शो का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ उत्तर प्रदेश के कैंट एरिया के विधायक सौरभ श्रीवास्तव और मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव व टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिव शेखर शुक्ला भी मौजूद थे।

यह आयोजन आगामी मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें दोनों राज्यों के पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट्स और होटल इंडस्ट्री से जुड़े हितधारक बड़ी संख्या में शामिल हुए।


पर्यटन और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बना मध्य प्रदेश

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण-प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के कारण आज मध्य प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।

शुक्ल ने बताया कि मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरों, सांस्कृतिक विरासतों के साथ-साथ देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र और वन्य जैव विविधता भी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल पर्यटन सर्किट के माध्यम से बाबा विश्वनाथ, बाबा महाकाल और ओंकारेश्वर जुड़ेंगे, बल्कि बुद्ध सर्किट के विकास में भी तेज़ी आएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन के विस्तार के साथ-साथ रोज़गार के नए अवसर भी सृजित होंगे।


गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह

प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन में काफी समानता है, क्योंकि बाबा महाकाल और बाबा काशी विश्वनाथ दोनों ही विश्वभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इन दोनों ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने के लिए काशी विश्वनाथ-महाकाल एक्सप्रेस पहले से ही संचालित है।

शिव शेखर शुक्ला ने गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना पर प्रकाश डाला, जिसके तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे से दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा, और धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य तथा विरासत पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी।"


मंथन और भविष्य की संभावनाएं

इस रोड शो में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहा।


मध्य प्रदेश की समृद्ध पर्यटन विरासत

रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों, धार्मिक स्थलों और वन्यजीव विविधता से परिचित कराया गया।

मुख्य आकर्षण:

  • धार्मिक पर्यटन: वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे। बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

  • यूनेस्को धरोहरें: प्रदेश में 3 स्थायी (खजुराहो, भीमबेटका, सांची स्तूप) और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं।

  • वन्यजीव पर्यटन: मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है।

  • प्राकृतिक सौंदर्य: पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर जैसे स्थल प्रमुख प्राकृतिक पर्यटन केंद्र हैं।

  • सांस्कृतिक कला: गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं।

  • फिल्म पर्यटन: फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) के माध्यम से 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है, जिसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शामिल किया गया है।


बेहतर कनेक्टिविटी और विश्व स्तरीय आतिथ्य

उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा अब अधिक सुविधाजनक हो गई है। लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों से ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर के लिए सीधी हवाई यात्रा उपलब्ध है। इसके अलावा, रेल मार्ग और मजबूत सड़क नेटवर्क भी पर्यटकों की यात्रा को सुगम बनाते हैं।

मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें लग्जरी रिसॉर्ट्स (ताज, मैरियट आदि), हेरिटेज होटल और ग्रामीण परिवेश के होमस्टे शामिल हैं। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं।


पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं

प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है और स्टाम्प ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाली अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है।

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, जो पर्यटकों को संपूर्ण सहायता प्रदान करती है।

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