बारामती सहकारी चीनी मिल चुनाव: अजित पवार गुट की जीत, शरद पवार को झटका

महाराष्ट्र के बारामती में हुए मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाले नीलकंठेश्वर पैनल ने जीत हासिल की है। यह शरद पवार के गुट के लिए उनके गृहनगर में एक बड़ा झटका है, क्योंकि उनके बलिराजा सहकारी पैनल के सभी उम्मीदवार हार गए हैं, जिससे चाचा-भतीजा की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में अजित पवार को एक और जीत मिली है।

बारामती सहकारी चीनी मिल चुनाव: अजित पवार गुट की जीत, शरद पवार को झटका
अजित पवार और शरद पवार.

महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा-भतीजा की लड़ाई एक बार फिर देखने को मिली, और इस बार परिणाम उप मुख्यमंत्री अजित पवार के पक्ष में रहा। बारामती के मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव के नतीजे बुधवार को घोषित हो रहे हैं, जिसमें अजित पवार की अगुवाई वाले नीलकंठेश्वर पैनल को जीत की बढ़त मिली है। अजित पवार के पैनल के 21 में से 12 उम्मीदवार जीत चुके हैं, जबकि शरद पवार के गुट को बड़ा झटका लगा है और उनके बलिराजा सहकारी पैनल के सभी उम्मीदवार हार गए हैं।


शरद पवार के गृहनगर में बड़ा झटका

मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव में शरद पवार गुट ने बलिराजा सहकारी पैनल बनाया था, जिसका नेतृत्व युगेंद्र पवार कर रहे थे। इस पैनल के सभी सदस्य हार गए हैं, जो शरद पवार के लिए अपने गृहनगर बारामती में अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। सहकारी चीनी मिल का चुनाव होने के बावजूद, महाराष्ट्र की सियासत में यह चुनाव काफी अहम माना जा रहा था, क्योंकि यह विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर चाचा-भतीजा के बीच सीधा मुकाबला था। इस बार भी अजित पवार गुट को जीत मिली है और शरद पवार के गुट को पराजय का सामना करना पड़ा है।


अजित पवार के पैनल की बढ़त

बारामती सहकारी चीनी मिल चुनाव में अजित पवार ने नीलकंठेश्वर पैनल बनाया था। इस पैनल के 21 उम्मीदवारों में से अब तक 12 ने जीत दर्ज की है, जबकि 7 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, जिससे अजित पवार ने इस चुनाव में निर्णायक बढ़त बना ली है। उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने पहले चरण की मतगणना में 'बी क्लास' समूह से जीत हासिल की है।


चुनावी मैदान और वादे

मालेगांव शुगर फैक्ट्री के चुनाव प्रचार के दौरान अजित पवार ने फैक्ट्री को ₹500 करोड़ की आर्थिक मदद देने का वादा किया था, जिसका असर मतदान में देखने को मिल रहा है। अब तक की स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि अजित पवार के पैनल को बड़ी सफलता मिलेगी।

इस चुनाव में कुल चार पैनल मैदान में थे:

  • अजित पवार का नीलकंठेश्वर पैनल
  • शरद पवार के नेतृत्व वाला बलिराजा सहकार बचाओ पैनल
  • भाजपा नेता चंद्रराव टावरे-रंजन टावरे का सहकार बचाओ शेतकरी पैनल और कष्टरी शेतकरी समिति
  • और निर्दलीयों का एक पैनल।

अब सबकी निगाहें अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, जो इस क्षेत्रीय चुनाव के राजनीतिक महत्व को और स्पष्ट करेंगी।