BHU में MBA एडमिशन के नाम पर लाखों की ठगी का आरोप: FIR दर्ज न होने से पीड़िता परेशान, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
वाराणसी में BHU में MBA एडमिशन के नाम पर एक युवती से ₹11.84 लाख की ठगी का आरोप है। पीड़िता डिम्पल शर्मा की शिकायत के बावजूद पुलिस ने कई दिनों से FIR दर्ज नहीं की है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में MBA दाखिला दिलाने के नाम पर एक युवती से ₹11 लाख 84 हजार से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़िता डिम्पल शर्मा, निवासी कबीरचौरा, थाना चौक, ने 24 मई 2025 को थाना चौक में आरोपी देवेश मिश्रा के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी FIR दर्ज नहीं की गई है, जिससे पीड़िता लगातार पुलिस थानों के चक्कर लगा रही है और उसे केवल आश्वासन मिल रहा है।
ठगी का पूरा मामला
डिम्पल शर्मा का आरोप है कि देवेश मिश्रा पुत्र देवेंद्र मिश्रा (पता: संस्कृत विश्वविद्यालय स्टाफ क्वार्टर) ने खुद को प्रभावशाली बताकर BHU में MBA एडमिशन दिलवाने का झांसा दिया। इस झांसे में आकर डिम्पल ने ₹11,84,000 ऑनलाइन और कुछ नकद राशि देवेश को दे दी। जब तय समय पर एडमिशन नहीं हुआ और देवेश टालमटोल करने लगा, तो डिम्पल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पीड़िता डिम्पल शर्मा का यह भी दावा है कि आरोपी का पिता संस्कृत विश्वविद्यालय में कार्यरत है, जिसकी वजह से पुलिस अब तक कार्रवाई नहीं कर रही है और मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। 24 मई को शिकायत दिए जाने के बावजूद, पुलिस ने अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की है और पीड़िता को लगातार टालमटोल किया जा रहा है।
पीड़िता की आपबीती और आर्थिक-मानसिक परेशानी
डिम्पल शर्मा ने बताया कि आर्थिक नुकसान के साथ-साथ वह मानसिक रूप से भी परेशान हो चुकी हैं। उनके पिता ने बेटी की अच्छी शिक्षा के लिए लोगों से उधार लेकर पैसे दिए थे, जिन्हें अब कर्जदाता वापस मांग रहे हैं, जिससे पूरा परिवार मानसिक तनाव में है। डिम्पल का कहना है कि पुलिस उन्हें बुलाती है, अच्छे से बात करती है, लेकिन केवल समय दे देती है, कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती।
पीड़िता ने मीडिया के माध्यम से उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है, ताकि उनके साथ न्याय हो सके। उनका कहना है कि आरोपी पहले भी कई लोगों को इसी तरह ठग चुका है।
प्रशासन से न्याय की गुहार
पीड़िता डिम्पल शर्मा और उनके पिता रामेश्वर शर्मा (मो. 8303170343) ने जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मांग की है कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाए, उनका पैसा वापस दिलाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि देवेश मिश्रा किसी और को झांसा न दे सके।
यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है, खासकर जब पीड़ित पक्ष द्वारा इतनी गंभीर ठगी की शिकायत के बावजूद FIR दर्ज करने में देरी हो रही हो।