Rathyatra 2025 : वाराणसी में भगवान जगन्नाथ का 'मनफेर' निकला, इंद्र देव ने किया स्वागत; उमड़ा भक्तों का रेला

वाराणसी में शुक्रवार को आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकली। 'मनफेर' के लिए निकले भगवान का इंद्र देव ने जलाभिषेक कर स्वागत किया, और उनके दर्शन के लिए भक्तों का विशाल रेला उमड़ पड़ा।

Rathyatra 2025 : वाराणसी में भगवान जगन्नाथ का 'मनफेर' निकला, इंद्र देव ने किया स्वागत; उमड़ा भक्तों का रेला

Varanasi News : आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुक्रवार को काशी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा का शुभारम्भ हो गया। 'मनफेर' (मन को प्रसन्न करने) के लिए निकले नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों का इंद्र देव ने वर्षा रूपी जलाभिषेक कर स्वागत किया। रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ भक्तों के बीच पहुंचे, जिनके दर्शन, रथ के पहियों को छूने और मनोकामना कहने के लिए भक्तों का विशाल रेला उमड़ पड़ा। इसके साथ ही काशी का पहला तीन दिवसीय लक्खा मेला रथयात्रा भी शुरू हो गया, जिसमें भगवान ने 16 घंटे तक भक्तों को दर्शन दिए।


दिव्य श्रृंगार और भोग

सुबह पांच बजे जगन्नाथ मंदिर के प्रधान पुजारी राधेश्याम पांडेय ने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को पीला परिधान धारण कराकर सुगंधित फूलों से श्रृंगार किया। विधि-विधान से वेद मंत्रों के बीच आरती की गई, जिसके बाद अष्टकोणीय रथ रूपी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह से ही दर्शन-पूजन करने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंगला आरती में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह सपरिवार उपस्थित रहे और पूजन-अर्चन किया। ट्रस्ट श्री जगन्नाथ जी के सचिव शैलेश त्रिपाठी सहित ट्रस्ट के सभी न्यासी और आयोजन समिति के सदस्य भी मंगला आरती में मौजूद थे।

प्रधान पुजारी पंडित राधेश्याम पांडेय ने बताया कि रथयात्रा के पहले दिन भगवान का पीतांबरी श्रृंगार किया गया और उन्हें पीले पेड़े का भोग लगाया गया। इसके बाद आठ बजे चना-गुड़ और शरबत का भोग लगा। दोपहर दो बजे महाप्रसाद पूड़ी, सब्जी और दही का भोग लगाकर पट बंद किया गया। दिन में तीन बजे भगवान की आरती के बाद मंदिर के पट पुनः खोले गए। रात 12 बजे पेड़े का भोग लगाकर शयन आरती के बाद भगवान का पट बंद कर दिया गया।


जगन्नाथ की पालकी यात्रा और शोभायात्रा

ब्रह्मलोक वैदिक सोसाइटी और कैट संगठन से जुड़े व्यापारियों ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा और दर्शन-पूजन किया। ब्रह्मलोक वैदिक सोसाइटी के मनीष मुड़रा और कैट प्रदेश महामंत्री अखिलेश कुमार मिश्र ने भगवान की आरती उतारने के साथ-साथ भगवान की पालकी भी उठाई। यात्रा में अंकिता सुरेखा, भावना बेरी, सविता चंदेरी, मीनू कसेरा, प्रीति लाखोटिया, मीरा भार्गवा, कविता छुगानी, तनिष्ठा मौर्या, विद्या मौर्या आदि मौजूद थीं।

इसके अलावा, भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा सुड़िया से निकाली गई। सबसे पहले भगवान जगन्नाथ के विग्रह को यजमान सलिल अग्रवाल के आवास पर आसन पर विराजमान कराया गया और सुगंधित फूलों से श्रृंगार किया गया। दोपहर में आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, अग्रवाल समाज के सभापति संतोष अग्रवाल, और प्रधानमंत्री डॉ. रचना अग्रवाल ने दर्शन-पूजन किया। सुयश अग्रवाल ने भगवान को खीर, तुलसी एवं मिष्ठान का भोग लगाया।

बाद में, सुड़िया सराफा मंडी स्थित मंदिर पर आचार्य विकास महाराज सहित पांच ब्राह्मणों ने शास्त्रोक्त विधि से पूजन कर भगवान की आरती की। यजमान सलिल अग्रवाल ने बताया कि सुड़िया में पिछले सवा सौ वर्षों से भगवान जगन्नाथ के विग्रह के रथयात्रा का आयोजन होता चला आ रहा है। यह रथयात्रा चौक, राजा दरवाजा, काशीपुरा, जालपा देवी, कबीरचौरा, पिपलानी कटरा होते हुए धूपचंडी मंदिर पर समाप्त हुई। इस दौरान अनिल अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, कृष्ण मोहन अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल आदि शामिल रहे।


लोक कल्याण की कामना से आरती

नमामि गंगे एवं अन्नपूर्णा सामाजिक सेवा समिति ने लोक कल्याण की कामना से भगवान जगन्नाथ की आरती उतारी। भगवान को नानखटाई का प्रसाद चढ़ाकर आरोग्य भारत के लिए आशीर्वाद मांगा गया। सदस्यों ने नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में स्वच्छता को संस्कार के रूप में शामिल करने का संदेश दिया।

अन्नपूर्णा सामाजिक सेवा समिति की अध्यक्ष नीलिमा राय ने पेड़ लगाने और पॉलीथिन का उपयोग न करने का आह्वान किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत प्रमुख प्रचारक श्याम भी उपस्थित रहे। आयोजन में सारिका गुप्ता, बीना गुप्ता, पुष्पलता वर्मा, सरिता विश्वकर्मा, कमलेश वर्मा, सुनीता जायसवाल मौजूद थीं।

वाराणसी की इस ऐतिहासिक रथयात्रा ने एक बार फिर भक्तों को भक्ति और उल्लास से सराबोर कर दिया।