बिजनौर: गरीबी और कर्ज से त्रस्त परिवार ने खाया जहर, तीन की मौत; 10 सूदखोरों पर FIR

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गरीबी और ₹6 लाख के कर्ज से परेशान एक ही परिवार के चार लोगों ने सल्फास खा लिया। इस हृदय विदारक घटना में पत्नी और दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि मुखिया पुखराज सिंह की हालत गंभीर है। पुलिस ने 10 सूदखोरों और दो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है।

बिजनौर: गरीबी और कर्ज से त्रस्त परिवार ने खाया जहर, तीन की मौत; 10 सूदखोरों पर FIR
परिवार ने खाया जहर

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नूरपुर थाना क्षेत्र के टंडेरा गाँव में गरीबी और कर्ज से त्रस्त एक परिवार के चार सदस्यों ने जहर खा लिया। इस दर्दनाक घटना में पुखराज सिंह की पत्नी रमेशिया प्रजापति (50) और दो बेटियों अनीता (21)सुनीता (19) की मौत हो चुकी है, जबकि 53 वर्षीय पुखराज सिंह का मेरठ मेडिकल कॉलेज में बेहद नाजुक हालत में इलाज चल रहा है।


दैनिक संघर्ष और बढ़ती चिंताएं

जानकारी के अनुसार, परिवार की माली हालत बेहद खराब थी। झोपड़ी में रहकर गुज़र-बसर कर रहे इस परिवार के पास सिर छिपाने के लिए पक्का घर तक नहीं था। पुखराज प्रजापति ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवासीय योजना के तहत कई बार मकान बनवाने के लिए फॉर्म भी भरा था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

पुखराज पर कुछ लोगों का ₹3 लाख का कर्ज था, जो चुकाते-चुकाते बढ़कर ₹6 लाख हो चुका था। वह ईंट भट्टे पर घोड़े तांगे से ईंट ढोकर जो कुछ कमाते थे, उसमें बमुश्किल घर खर्च और कर्ज का ब्याज ही चुका पा रहा था। कर्ज की रकम घटने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही थी, और शादी लायक हो चुकी दो जवान बेटियों के हाथ पीले करने की चिंता पूरे परिवार को दिन-रात खाए जा रही थी।


बेटे का दर्दनाक बयान

पुखराज के बेटे सचिन (जो खुद भी ईंट भट्टे पर मजदूरी करता है) ने बताया कि घटना वाले दिन वह सुबह पाँच बजे भट्टे पर मजदूरी करने चला गया था। सचिन ने बताया कि बरसात में घर की छत पर पड़ी प्लास्टिक की पन्नी से भी पानी टपकता था, और नई पन्नी लाने के लिए वह चार-पाँच दिनों से डबल मजदूरी कर रहा था। उन्हें 25 तारीख को ₹10,000 की कर्जे की किस्त देनी थी, लेकिन दो दिन निकल गए थे और पैसे इकट्ठे नहीं हो पा रहे थे। सचिन ने बताया कि दिन-रात कड़ी मेहनत के बाद भी रुपये न इकट्ठे होने और लेनदारों द्वारा रोज़ाना तगादा करने की वजह से उसका पूरा घर परेशान हाल में था। इसी वजह से उसके माँ-बाप और बहनों ने जीवन से छुटकारा पाने के लिए सल्फास खा लिया।


प्रशासनिक कार्रवाई: 10 सूदखोरों और 2 फाइनेंस कंपनियों पर केस दर्ज

इस दुखद घटना के बाद बिजनौर के प्रशासनिक अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। डीएम बिजनौर जसजीत कौर ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कर्ज चुकाने और कुछ आपसी कलह की बात भी सामने आई है। ब्याज पर रुपये देकर उत्पीड़न करने वाले 10 लोगों और 2 फाइनेंस कंपनियों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

यह घटना सूदखोरों के चंगुल में फँसे गरीब परिवारों की दर्दनाक हकीकत को उजागर करती है और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है।