1971 युद्ध के गवाह नायब सूबेदार ऑपरेशन सिंदूर से खुश, बोले- पाकिस्तान सेना सामने टिक नहीं सकती
1971 भारत-पाक युद्ध के गवाह नायब सूबेदार शिवकुमार तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की। बोले- भारत ने आतंकवाद पर सटीक वार किया, पाकिस्तान सेना भारतीय सैनिकों का मुकाबला नहीं कर सकती।

हमीरपुर (उत्तर प्रदेश):
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद हमीरपुर जिले में जश्न का माहौल है। जिले के सुमेरपुर कस्बे के निवासी और 1971 भारत-पाक युद्ध के गवाह नायब सूबेदार शिवकुमार तिवारी ने इस ऑपरेशन को उचित और निर्णायक कदम बताया है।
“पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा”
नायब सूबेदार तिवारी का कहना है कि पाकिस्तान एक कायर राष्ट्र है जो सीधी लड़ाई से बचता है और छिपकर वार करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उठाया गया यह कदम सराहनीय है। “सरकार ने सही समय पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है,” उन्होंने जोश से कहा।
सर्जिकल स्ट्राइक से मिली सुकून की नींद
ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय सेना ने मंगलवार रात को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर कई आतंकियों को ढेर कर दिया। यह कार्रवाई पहलगाम में भारतीय सैलानियों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई। हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष सैलानियों को गोलियों से भून दिया था।
नायब सूबेदार ने कहा, "महिलाओं के सामने उनके सुहाग उजाड़े गए। इसका बदला लेना जरूरी था और भारतीय सेना ने वह कर दिखाया।"
1971 युद्ध की वीरगाथा फिर से जीवित हुई
शिवकुमार तिवारी ने 1971 के युद्ध की यादें साझा करते हुए बताया कि वह 12 अक्टूबर 1971 को अंबाला से पाकिस्तान बॉर्डर के लिए रवाना हुए थे। उनकी यूनिट पंजाब के फतेहगढ़ चूड़िया में बॉर्डर से महज 10 किलोमीटर दूर रूपावली गांव में तैनात हुई थी।
"6 दिसंबर को पाकिस्तान ने हम पर हवाई हमला किया था, जिसका मुंहतोड़ जवाब हमारी सेना ने दिया। 12 दिन तक चला यह युद्ध 17 दिसंबर को सीजफायर के साथ समाप्त हुआ, जब पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे," उन्होंने कहा।
“युद्ध आखिरी विकल्प हो, लेकिन आतंक को जवाब जरूरी”
हालांकि तिवारी यह भी मानते हैं कि युद्ध कोई अच्छा विकल्प नहीं है क्योंकि इससे जान-माल की भारी हानि होती है। लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और नागरिकों की हत्या की हो, तो कार्रवाई जरूरी हो जाती है।
“कोई भी देश आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकता। मोदी सरकार ने पहली बार पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दिया है,” उन्होंने कहा।
हमीरपुर में पूर्व सैनिकों ने जताई खुशी
हमीरपुर जिले के अन्य पूर्व सैनिकों में भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी ने सरकार और सेना के साहसिक कदम को सराहा और कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से ही आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती है।
निष्कर्ष:
1971 युद्ध के योद्धा शिवकुमार तिवारी की बातों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान केवल छल-प्रपंच की नीति अपनाता है, जबकि भारत ने एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। ऑपरेशन सिंदूर न केवल शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि आने वाले समय में एक सख्त संदेश भी।