UP News: मलिहाबाद में थाने से 100 मीटर दूर चल रही थी अवैध असलहा फैक्टरी, एक आरोपी हिरासत में
उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में पुलिस ने देर रात एक अवैध असलहा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया, जो थाने से महज़ 100 मीटर की दूरी पर चल रही थी। छापेमारी में भारी संख्या में अवैध असलहे और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने हकीम सलाउद्दीन को हिरासत में लिया है, जिस पर प्रदेश में बड़े पैमाने पर असलहों की सप्लाई का संदेह है।

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद थाना क्षेत्र के मिर्जागंज गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां थाने से महज़ 100 मीटर की दूरी पर हकीम सलाउद्दीन के मकान में एक अवैध असलहा फैक्टरी चल रही थी, जिस पर बृहस्पतिवार देर रात पुलिस ने छापा मारा। करीब पांच घंटे चले सर्च ऑपरेशन में बड़ी संख्या में अवैध असलहे और कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस ने सलाउद्दीन को हिरासत में ले लिया है और अंदेशा जताया जा रहा है कि वह प्रदेश में बड़े पैमाने पर असलहों की सप्लाई करता था।
पुलिस कार्रवाई और बरामदगी
मुखबिर की सूचना पर मलिहाबाद और रहीमाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने सलाउद्दीन के घर छापा मारा। इस दौरान अवैध असलहे बनाने के उपकरण भी मिले हैं। एडीसीपी नॉर्थ जितेंद्र दुबे के मुताबिक, बृहस्पतिवार शाम छह बजे मलिहाबाद पुलिस को मिर्जागंज गांव में एक हकीम के घर असलहे होने की जानकारी मिली थी।
एसीपी मलिहाबाद और दोनों थानों की पुलिस ने जब घर पर छापा मारा, तो सलाउद्दीन, उसकी पत्नी और बेटी मौजूद थे। पांच घंटे तक चली तलाशी में पुलिस को भारी संख्या में असलहे मिले। इस संबंध में पुलिस के पूछताछ करने पर सलाउद्दीन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। सूत्रों के अनुसार, सलाउद्दीन असलहों का शौकीन है और आशंका है कि उसके पास विदेशी असलहे भी थे।
सलाउद्दीन का बैकग्राउंड और शक
स्थानीय लोगों ने बताया कि सलाउद्दीन दवाखाना चलाता था। कुछ महीने पहले उनके तीन परिजनों की हत्या भी हो गई थी। सलाउद्दीन की एक बेटी नॉर्वे में पढ़ाई करती है और दूसरी इंटीग्रल में पढ़ रही है। पुलिस ने कुछ अन्य संदिग्धों को भी पकड़ा है।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोग भी हैरत में हैं। पुलिस को अंदेशा है कि सलाउद्दीन बड़े स्तर पर प्रदेश में असलहों की सप्लाई कर रहा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस को उसके घर में ओवैश नाम का एक युवक भी मिला है, जिससे पूछताछ जारी है। यह घटना पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है, क्योंकि थाने से इतनी कम दूरी पर एक अवैध फैक्टरी इतने समय से चल रही थी।
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