Up News : गंगा किनारे के मकानों की मरम्मत हुई आसान, अब इन कार्यों के लिए अनुमति जरूरी नहीं

वाराणसी में गंगा से 200 मीटर के दायरे और संपूर्ण एचएफएल (हाई फ्लड लेवल) क्षेत्र में स्थित जर्जर भवनों की आंशिक मरम्मत और नवीनीकरण के लिए अब किसी विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। यह नया आदेश सीमेंट प्लास्टर, फर्श निर्माण, रंगाई-पुताई, सेप्टिक टैंक, हैंडपंप और सौर ऊर्जा संरचनाओं पर भी लागू होगा। हालांकि, बाहरी स्वरूप या उपयोग में बदलाव की अनुमति नहीं होगी।

Up News : गंगा किनारे के मकानों की मरम्मत हुई आसान, अब इन कार्यों के लिए अनुमति जरूरी नहीं

Varanasi News : वाराणसी में गंगा नदी से 200 मीटर के दायरे और हाई फ्लड लेवल (HFL) क्षेत्र में स्थित जर्जर भवनों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए आदेश के तहत, इन क्षेत्रों में कुछ निश्चित मरम्मत कार्यों के लिए किसी भी विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य नहीं होगा, जिससे पुराने भवनों का रखरखाव आसान हो जाएगा।


मरम्मत कार्यों में मिली छूट

नए आदेश से संपूर्ण एचएफएल क्षेत्र के भवनों पर भी असर पड़ेगा। अब इन क्षेत्रों में भवनों की दीवारों पर सीमेंट प्लास्टर कराना या आंशिक मरम्मत कराने के लिए किसी विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसी तरह, फर्श का निर्माण, रंगाई-पुताई, सेप्टिक टैंक व पिट का निर्माण, हैंडपंप लगवाने, और नालियों या अन्य उपकरणों के नवीनीकरण तथा मरम्मत कार्य के लिए भी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। ये कार्य कभी भी कराए जा सकते हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा के लिए छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण भी अनुमति के बिना कराया जा सकेगा।

हालांकि, कुछ प्रतिबंध भी लागू रहेंगे:

  • भवन और दीवारों का पुनर्निर्माण या छत, बालकनी और बरामदे में छज्जे का निर्माण नहीं कराया जा सकता है।

  • मकान के अंदर आंतरिक परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी।

  • भवन के बाहरी स्वरूप में बदलाव की अनुमति नहीं होगी।

  • भवन के उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

  • यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


काशी की सांस्कृतिक पहचान पर जोर

वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा कि काशी की आत्मा उसके इतिहास, धर्म और संस्कृति में बसती है। उन्होंने सुंदरीकरण के कार्यों में इस बात का ध्यान रखने का निर्देश दिया कि कोई भी कार्य शहर की मूल पहचान को नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी कार्य स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों से संवाद स्थापित कर पारदर्शिता से पूरे किए जाएं। गर्ग ने कहा कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर न केवल यातायात व्यवस्था सुलभ होगी, बल्कि काशी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक सुव्यवस्थित, सुंदर और आध्यात्मिक परिवेश का अनुभव मिलेगा, जिससे काशी की सांस्कृतिक राजधानी की छवि और मजबूत होगी।


कालभैरव मार्ग और मैदागिन चौराहे पर गूंजेगी ऊं की ध्वनि

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने कालभैरव मार्ग और मैदागिन चौराहे के सुंदरीकरण की भी योजना बनाई है, जिसके तहत इन स्थानों पर 'ऊं' की ध्वनि गूंजेगी। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने सोमवार को इन इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कालभैरव मंदिर मार्ग में दीवारों को भित्ति चित्रों और धार्मिक पेंटिंग्स से सजाया जा रहा है। साथ ही, मंदिर गेट और गली के भीतर ध्वनि प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे निरंतर 'ऊं' की ध्वनि सुनाई देगी। इससे आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक विशिष्ट आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव मिलेगा।

गर्ग ने इस क्षेत्र में बेहतर यातायात प्रबंधन, हरियाली और सांस्कृतिक सुंदरीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख चौराहों और धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित और सौंदर्यपूर्ण स्वरूप दिया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करने, सुंदरीकरण में काशी की सांस्कृतिक पहचान उभारने और पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। मैदागिन चौराहा, जो शहर के व्यस्ततम ट्रैफिक स्थलों में से एक है, वहां भी यातायात प्रणाली के सरलीकरण के साथ सुंदरीकरण का काम शुरू हो गया है और इसे आधुनिक डिजाइन के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।