UP : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'पहले लड़कियां दूर पढ़ने नहीं जाती थीं, अब बेटियां कीर्तिमान रच रही हैं'

गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पहले लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाती थीं, लेकिन अब बेटियां नए कीर्तिमान रच रही हैं। उन्होंने नारी सशक्तिकरण के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी मार्ग बताया।

UP : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'पहले लड़कियां दूर पढ़ने नहीं जाती थीं, अब बेटियां कीर्तिमान रच रही हैं'

 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय पंचकर्म चिकित्सा केंद्र और ऑडिटोरियम का लोकार्पण किया, साथ ही न्यू गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा और नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया, और अपने बाल्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अब बेटियों ने नए कीर्तिमान रचने शुरू कर दिए हैं।


राष्ट्रपति ने साझा किए अपने अनुभव

राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वविद्यालय की नई सुविधाओं के लोकार्पण पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मानव शरीर को दोषमुक्त बनाने में पंचकर्म की प्रक्रिया सही सिद्ध हुई है और आशा व्यक्त की कि पंचकर्म केंद्र से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

अपने बाल्यकाल के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया, "कक्षा सात के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं 300 किमी दूर भुवनेश्वर गई थी। मुझसे पहले कोई बालिका दूसरे शहर में पढ़ने नहीं गई थी। आज बहुत बदलाव आ गया है। बेटियां नए कीर्तिमान रच रही हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज भी बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सुरक्षित आवास की कमी एक बड़ा अवरोध है। राष्ट्रपति ने जोर दिया कि "शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी मार्ग है" और न्यू गर्ल्स हॉस्टल को इस दिशा में एक सराहनीय व महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में निजी विश्वविद्यालयों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और महाराणा प्रताप के त्याग और पराक्रम का उदाहरण दिया। राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी प्रोफेशनल एजुकेशन में उत्कृष्ट हासिल करने के साथ-साथ आध्यात्मिकता और राष्ट्र प्रेम को अपने आचरण में लाएंगे।


राज्यपाल और मुख्यमंत्री का संबोधन

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और योग शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य केवल पारंपरिक चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आयुर्वेद, योग और विशिष्ट कौशल प्रदान कर रहा है, जो पूरे देश के लिए प्रेरक है। उन्होंने सनातन परंपरा में सेवा को धर्म बताते हुए एमबीबीएस की 100 सीटों की मान्यता मिलने को बड़ी उपलब्धि बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति के संघर्षमय जीवन की सराहना करते हुए कहा, "फर्श से अर्श की यात्रा, शून्य से शिखर की यात्रा कैसे होती है, उसकी एक विशिष्ट पहचान है महामहिम देश के लिए।" उन्होंने राष्ट्रपति के राष्ट्र और लोक कल्याण के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया और बताया कि यह पहली बार हुआ है जब कोई राष्ट्रपति सड़क पर उतरकर बच्चों से मिले। सीएम योगी ने प्रसिद्ध कवि दिनकर की पंक्तियों को दोहराते हुए राष्ट्रपति के समर्पण की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राष्ट्रपति का आगमन विश्वविद्यालय परिसर में शाम 04:45 बजे हुआ। लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद विश्वविद्यालय का परिचयात्मक वीडियो क्लिप भी प्रस्तुत किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि यह गौरव का क्षण है कि राष्ट्रपति के हाथों ऑडिटोरियम और पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण हो रहा है।