कैमूर का 'श्रवण कुमार' 90 वर्षीय मां को कंधे पर लेकर पहुंचा काशी, कराया गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन
बिहार के कैमूर से एक बेटे ने अपनी 90 वर्षीय वृद्ध मां को कंधे पर बिठाकर काशी तक की यात्रा की। उसने मां को गंगा स्नान कराया और बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी कराए, कलयुग में 'श्रवण कुमार' का उदाहरण पेश किया।

वाराणसी: कलयुग में श्रवण कुमार का उदाहरण पेश करते हुए बिहार के कैमूर जिले से एक बेटे ने अपनी 90 वर्षीय वृद्ध माता को कंधे पर बिठाकर काशी तक की यात्रा पूरी की। इस अद्भुत दृश्य ने वाराणसी में मौजूद सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। बेटे ने अपनी मां को न केवल कंधे पर बैठाकर गंगा में स्नान कराया, बल्कि बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन भी कराए।
गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन
यह अकल्पनीय यात्रा मंगलवार को वाराणसी में संपन्न हुई। बेटे ने अपनी वृद्ध मां को सावधानीपूर्वक कंधे पर उठाया और उन्हें लेकर दशाश्वमेध घाट पर पहुंचा। यहां उसने अपनी माता को पवित्र गंगा नदी में श्रद्धापूर्वक स्नान कराया। गंगा स्नान के बाद, बेटे ने विधि-विधान से अपनी मां की पूजा की और उनकी आरती उतारी।
इसके बाद, वह अपनी मां को कंधे पर बिठाकर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा, जहां उसने अपनी माता को बाबा विश्वनाथ के दर्शन कराए। इस दौरान बेटे के चेहरे पर अपनी मां की सेवा करने का संतोष और आनंद साफ झलक रहा था।
बेटे का अपनी मां के प्रति समर्पण
यह घटना समाज में आधुनिकता के बावजूद भारतीय संस्कृति के मूल्यों और filial piety (माता-पिता के प्रति कर्तव्यनिष्ठा) का एक मार्मिक उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस बेटे का अपनी वृद्ध मां के प्रति यह समर्पण और भक्ति हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
क्या आपको लगता है कि ऐसे उदाहरण समाज में माता-पिता के प्रति सम्मान और सेवा की भावना को बढ़ावा देते हैं?