Abbas Ansari : अब्बास अंसारी हेट स्पीच मामले में सुनवाई शुरू, भाई उमर के साथ कोर्ट में हुए पेश

माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी हेट स्पीच मामले में अपने भाई उमर के साथ मऊ कोर्ट में पेश हुए। यह सुनवाई उनकी सजा के खिलाफ दायर अपील पर हो रही है, जिसके बाद उनकी विधायकी समाप्त कर दी गई थी।

Abbas Ansari : अब्बास अंसारी हेट स्पीच मामले में सुनवाई शुरू, भाई उमर के साथ कोर्ट में हुए पेश

Mau News : माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व सदर विधायक अब्बास अंसारी आज अपने भाई उमर अंसारी के साथ कोर्ट में पेश हुए। यह सुनवाई हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) मामले में उनकी सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर हो रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने 1 जून को अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त कर दी थी, जिसके बाद उनके वकील ने विधायकी बचाने के लिए यह अपील दायर की थी। मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट से सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।


क्या है हेट स्पीच का पूरा मामला?

अब्बास अंसारी को जिस मामले में सजा हुई है, वह 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। 3 मार्च, 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी रैली के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था:

"यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा।"

इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी।


FIR और धाराएं

4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। इस FIR में अब्बास अंसारी, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर, के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।

इन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराएं लगाई गई थीं, जिनमें:

  • 506 (धमकी देना)
  • 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालना)
  • 186 (लोक सेवक को बाधित करना)
  • 189 (लोक सेवक को धमकाना)
  • 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाना)
  • 120B (आपराधिक षड्यंत्र)

शामिल हैं।

31 मई को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. केपी सिंह ने अब्बास अंसारी को इसी हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई। अब इस मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में शुरू हो गई है।