दिल्ली-NCR में जाम से मिलेगी मुक्ति: नए हाईवे-टनल प्रोजेक्ट्स से बदलेगी कनेक्टिविटी
दिल्ली-NCR में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए केंद्र सरकार और NHAI कई बड़े हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। ये परियोजनाएं दिल्ली और आसपास के शहरों के बीच सफर को तेज़, सुरक्षित और जाम-मुक्त बनाएंगी, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ती ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) कई बड़े हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के पूरा होने पर दिल्ली और आसपास के शहरों के बीच सफ़र न केवल तेज़ और सुरक्षित होगा, बल्कि ट्रैफिक जाम से भी बड़ी राहत मिलेगी। इन निर्माणों से आने वाले समय में दिल्ली और आस-पास के शहरों की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार आएगा, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
आइए एक नज़र डालते हैं इन प्रमुख हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स पर:
प्रमुख हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स
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दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (NE-5) का विस्तार
- लंबाई: 20 किलोमीटर
- लागत: 4,000 करोड़ रुपये
- फायदा: जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा से आने वाला ट्रैफिक सीधे दिल्ली, गुरुग्राम और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट तक आसानी से पहुँचेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 के लिए एक वैकल्पिक रूट बनेगा।
- स्थिति: DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है।
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UER-II को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला नया हाईवे
- लंबाई: 17 किलोमीटर
- लागत: 3,350 करोड़ रुपये
- फायदा: बाहर से आने वाला ट्रैफिक सीधे दिल्ली के बाहर ही डायवर्ट हो जाएगा, जिससे NH-44, रिंग रोड और दिल्ली की अंदरूनी मुख्य सड़कों पर भीड़ कम होगी।
- स्थिति: DPR के लिए बिडिंग प्रक्रिया जारी है।
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गाजियाबाद-फरीदाबाद होते हुए नोएडा तक हाईवे
- लंबाई: 65 किलोमीटर
- लागत: 7,500 करोड़ रुपये
- फायदा: यह दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, DND और अन्य बड़े रूट्स को आपस में जोड़ेगा, जिससे दिल्ली की अंदरूनी सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
- स्थिति: DPR तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।
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द्वारका एक्सप्रेसवे से वसंत कुंज तक रोड टनल
- लंबाई: 5 किलोमीटर
- लागत: 3,500 करोड़ रुपये
- फायदा: यह महिपालपुर, धौला कुआं और राव तुला राम मार्ग जैसे अधिक ट्रैफिक वाले इलाकों से बचते हुए सीधा और सिग्नल-फ्री रास्ता प्रदान करेगा।
- स्थिति: मंत्रालय में मंजूरी का इंतज़ार है।
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AIIMS से महिपालपुर होते हुए गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड तक एलिवेटेड कॉरिडोर
- लंबाई: 20 किलोमीटर
- लागत: 5,000 करोड़ रुपये (अनुमानित)
- फायदा: दिल्ली और गुरुग्राम के बीच एक वैकल्पिक हाई-स्पीड कॉरिडोर बनेगा, जिससे NH-48 और रिंग रोड पर दबाव घटेगा।
- स्थिति: DPR के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलें
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कालिंदी कुंज इंटरचेंज का निर्माण कार्य: यह दिल्ली-नोएडा रोड और आगरा नहर रोड को जोड़ेगा, जिससे ट्रैफिक सुगम होगा और प्रवाह बेहतर बनेगा।
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दिल्ली सरकार से लिए गए पुराने रोड सेक्शन (कुल लंबाई: 34.5 किमी):
- इसमें हरियाणा बॉर्डर से पंजाबी बाग (NH-09) का 18.5 किमी, आश्रम से बदरपुर (NH-2) का 7.5 किमी, और महरौली से हरियाणा बॉर्डर (NH-148A) का 8.5 किमी हिस्सा शामिल है।
- कार्य: NHAI इन सड़कों की मरम्मत, ड्रेनेज और सौंदर्यीकरण का कार्य कर रही है। बारिश के मौसम में पीडब्ल्यूडी (PWD) भी सहयोग करेगा।
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C&D वेस्ट (निर्माण और ध्वस्तीकरण कचरा) से सड़क निर्माण: यह पर्यावरण के लिए एक फायदेमंद पहल है, जिसमें पुराने मलबे, मिट्टी और पत्थरों का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा रहा है। इसका उपयोग UER-II प्रोजेक्ट और DND-फरीदाबाद-सोहना प्रोजेक्ट में भी हो रहा है, जिससे लागत में कमी, कचरे का पुनः उपयोग और प्रदूषण में गिरावट आती है।
ये सभी परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते शहरीकरण और ट्रैफिक की चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे क्षेत्र के निवासियों और यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा।