अहमदाबाद प्लेन क्रैश: दुबई के भारतीय डॉक्टर ने दी ₹6 करोड़ की मदद, मृतकों-घायलों के परिवारों को मिली पहली राहत

अहमदाबाद विमान हादसे के पीड़ितों के लिए दुबई में बसे भारतीय डॉक्टर डॉ. शमशीर वयालिल ने ₹6 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह मृतकों के परिजनों और घायलों तक पहुंचने वाली पहली बड़ी मदद है, जिससे प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिली है।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: दुबई के भारतीय डॉक्टर ने दी ₹6 करोड़ की मदद, मृतकों-घायलों के परिवारों को मिली पहली राहत
एक साथ वितरित की गई 6 करोड़ की मदद

12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के पीड़ितों के लिए दुबई में बसे भारतीय डॉक्टर डॉ. शमशीर वयालिल की ओर से घोषित 6 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता अब मृतकों और घायलों के परिवारों तक पहुंच गई है। यह इस दुखद हादसे के बाद पीड़ितों के परिजनों तक पहुंचने वाली पहली बड़ी मदद है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली है।


कैसे पहुंचाई गई मदद?

दुबई स्थित वीपीएस हेल्थकेयर (VPS Healthcare) के प्रतिनिधि इस सहायता राशि को लेकर अहमदाबाद पहुंचे। बीजे मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने पर, डीन और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की उपस्थिति में, डॉ. मीनाक्षी पारिख के कार्यालय में एक निजी समारोह में प्रभावित परिवारों को चेक वितरित किए गए। हादसे के 12 दिन बाद जब दोबारा क्लास शुरू हुई, तो कॉलेज का माहौल शोक से भरा हुआ था।


इन छात्रों के परिजनों को मिले 1-1 करोड़ रुपये

सहायता राशि का पहला भाग उन चार मेडिकल छात्रों के परिवारों को दिया गया, जिन्होंने इस विमान हादसे में अपनी जान गंवाई थी। प्रत्येक परिवार को ₹1 करोड़ का चेक सौंपा गया। इनमें शामिल थे:

  • आर्यन राजपूत (फर्स्ट ईयर एमबीबीएस छात्र, ग्वालियर, मध्य प्रदेश)
  • मनव भाडू (श्रीगंगानगर, राजस्थान)
  • जयप्रकाश चौधरी (बाड़मेर, राजस्थान)
  • राकेश गोबरभाई दियारा (भावनगर, गुजरात)

ये चारों छात्र अपने मेडिकल करियर की शुरुआत ही कर रहे थे और सपनों से भरे हुए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से उनका जीवन समाप्त हो गया। राकेश दियारा के बड़े भाई विपुल भाई गोबरभाई दियारा ने भावुक होकर बताया, "वह हमारे पूरे परिवार की उम्मीद था। हमारे परिवार में वो पहला था जिसने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। हम किसान पृष्ठभूमि से आते हैं। उसे बच्चों से बहुत प्यार था और वह चाइल्ड हार्ट सर्जन बनना चाहता था। यह त्रासदी हमारे लिए झटका थी। हमारे घर में चार बहनें हैं और पिताजी की तबीयत भी ठीक नहीं रहती है। वह ही सबकी आशा थे। यह मदद हमारे लिए बहुत मायने रखती है।"


अन्य मृतकों और घायलों को भी मिली सहायता

इन छात्रों के अलावा, छह अन्य मृतकों के परिजनों को भी सहायता दी गई, जिनमें:

  • न्यूरोसर्जरी रेजिडेंट डॉ. प्रदीप सोलंकी (जिन्होंने अपनी पत्नी और साले को खोया)
  • सर्जिकल ऑन्कोलॉजी रेजिडेंट डॉ. नीलकंठ सुथार (जिन्होंने अपने तीन परिजन गंवाए)
  • बीपीटी छात्र डॉ. योगेश हदत (जिन्होंने अपने भाई को खोया) शामिल हैं। इन सभी को प्रति मृत सदस्य ₹25 लाख की सहायता दी गई।

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की तरफ से डीन से परामर्श कर 14 गंभीर रूप से घायल लोगों की पहचान की गई, जिन्हें इस राहत राशि में शामिल किया गया। ये सभी ऐसे लोग थे, जिन्हें जलने, फ्रैक्चर या आंतरिक चोटों जैसी गंभीर स्थिति में पाँच दिन या उससे अधिक समय अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। प्रत्येक को ₹3.5 लाख की सहायता दी गई।


कौन हैं डॉ. शमशीर वयालिल?

डॉ. शमशीर वयालिल भारत के सबसे अमीर डॉक्टरों में शामिल हैं। केरल में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. शमशीर ने कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल से रेडियोलॉजी में विशेष ट्रेनिंग ली और 2004 में अबू धाबी की शेख खलीफा मेडिकल सिटी में अपने डॉक्टरी करियर की शुरुआत की। वह यूएई की सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी बुर्जील होल्डिंग्स (Burjeel Holdings) के मालिक हैं। उन्होंने हादसे के कुछ ही दिनों बाद मदद की घोषणा की थी, जिसे महज 6 दिनों में पूरा भी कर दिया गया।