भारत की एयर स्ट्राइक में कंधार हाईजैक और मुंबई हमलों के साजिशकर्ता आतंकवादी मारे गए
भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 100 से अधिक आतंकवादियों में लश्कर और जैश के वह आतंकी शामिल थे जो कंधार विमान अपहरण और 26/11 मुंबई हमले की साजिश में शामिल थे।

नई दिल्ली: भारत ने एक और बार आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक से तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर भी शामिल थे। मारे गए आतंकियों में ऐसे नाम हैं जो कंधार विमान अपहरण, 26/11 मुंबई हमला और जम्मू-कश्मीर में हुए कई घातक हमलों से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे।
यह कार्रवाई उस आतंकी हमले के जवाब में की गई जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने मारे गए आतंकवादियों में से पाँच की पहचान की है, जो दशकों से भारत के खिलाफ जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय थे।
मारे गए टॉप आतंकवादी और उनकी भूमिका:
1. मुदस्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदाल
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संगठन: लश्कर-ए-तैयबा
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भूमिका: मुंबई हमले (26/11) का मास्टरमाइंड, मरकज तैबा (मुरीदके, पाकिस्तान) का प्रभारी
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विशेष: पाकिस्तानी सेना ने अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर दिया, आर्मी और IG स्तर के अधिकारी मौजूद रहे।
2. हाफिज मुहम्मद जमील
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संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
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भूमिका: कंधार हाईजैक में छोड़ा गया आतंकवादी, मौलाना मसूद अजहर का बहनोई
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स्थान: बहावलपुर में 'मरकज सुभान अल्लाह' का प्रमुख
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कार्य: युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और फंडिंग नेटवर्क संभालना
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ घोसी साहब
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संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
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भूमिका: कंधार हाईजैक का मैन हैंडलर, मसूद अजहर का साला
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कार्य: आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग देना, जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में शामिल
4. खालिद उर्फ अबू अकाशा
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संगठन: लश्कर-ए-तैयबा
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भूमिका: अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी, कश्मीर में आतंकी हमलों में संलिप्त
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विशेष: अंतिम संस्कार में पाक आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के DC मौजूद
5. मोहम्मद हसन खान
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संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
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भूमिका: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की योजना बनाने वाला
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पारिवारिक संबंध: पिता मुफ्ती असगर खान — जैश का ऑपरेशनल कमांडर, PoK में सक्रिय
आतंक के नेटवर्क को बड़ा झटका
भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। इन आतंकवादियों के खात्मे से न केवल लश्कर और जैश के संचालन में बाधा आएगी, बल्कि युवाओं की भर्ती, हथियारों की आपूर्ति और ट्रेनिंग जैसे कामों पर भी ब्रेक लगेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में बदलाव का संकेत है। एयर स्ट्राइक के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब "बॉर्डर के पार" देने में हिचक नहीं करेगा।
पाकिस्तान की चुप्पी और दुनिया की नजरें
पाकिस्तान की सरकार ने अब तक इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया और सेना के हलकों में हलचल जरूर देखी गई है। कुछ रिपोर्टों में बताया गया कि पाकिस्तान ने आतंकी शिविरों की तबाही और वरिष्ठ आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि को दबा दिया है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और भारत की काउंटर-टेररिज्म स्ट्रैटेजी पर टिकी हुई हैं।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य सफलता है, बल्कि भारत की आतंक के खिलाफ "नो टॉलरेंस" नीति का भी प्रतीक बन गया है। कंधार हाईजैक और 26/11 जैसे जघन्य अपराधों में शामिल आतंकवादियों का खात्मा यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी साजिश को माफ नहीं करेगा।