Ballia News : महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप; शव सड़क पर रख प्रदर्शन

बलिया में एक 26 वर्षीय महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। परिजनों का दावा है कि गलत ऑपरेशन के कारण महिला की जान गई। प्रशासन ने अस्पताल को सील कर जांच शुरू कर दी है।

Ballia News : महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप; शव सड़क पर रख प्रदर्शन

Ballia Crime  : बलिया जिले के सिकंदरपुर कस्बा स्थित बस स्टेशन चौराहे के समीप मंगलवार सुबह उस समय जमकर हंगामा हुआ, जब परिजनों ने 26 वर्षीय महिला माधुरी का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। परिजनों ने एक निजी अस्पताल पर चिकित्सकीय लापरवाही से मौत का गंभीर आरोप लगाया है।


क्या है पूरा मामला?

मृतका माधुरी के पिता रामाशीष कनौजिया (निवासी करमौता गांव) ने बताया कि उनकी बेटी (जो ताड़ी बड़ागांव, थाना नगरा निवासी राजेश कनौजिया की पत्नी थी) को 26 जून को उर्मिला वर्मा के कहने पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद महिला चिकित्सक और उनके स्टाफ ने बिना परिजनों की अनुमति के बाहर से एक चिकित्सक को बुलाकर ऑपरेशन कर दिया।

ऑपरेशन के बाद माधुरी की हालत लगातार बिगड़ती गई। परिजनों ने 27 जून से ही चिकित्सकों से लगातार आग्रह किया कि उनकी बेटी को बेहतर इलाज के लिए कहीं और रेफर किया जाए, लेकिन चिकित्सकों ने मरीज को रेफर नहीं किया।

रामाशीष के अनुसार, 30 जून को जब माधुरी की हालत बेहद गंभीर हो गई, तो उसे पहले फातिमा अस्पताल मऊ ले जाया गया, जहाँ गंभीर हालत के कारण उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। इसके बाद उसे प्रकाश अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान सोमवार रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई। मऊ के चिकित्सकों ने कथित तौर पर बताया कि ऑपरेशन गलत तरीके से किया गया था और संक्रमण पूरे पेट में फैल चुका था।


सड़क पर प्रदर्शन और अस्पताल बंद

मंगलवार सुबह जब परिजन शव लेकर उस अस्पताल पर पहुँचे, जहाँ ऑपरेशन हुआ था, तो उन्होंने पाया कि अस्पताल में ताला लगा था और सभी कर्मचारी फरार हो चुके थे। इससे आक्रोशित परिजनों ने शव वहीं सड़क पर रख दिया और न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतका की मासूम बच्ची को गोद में लिए उसकी चाची पौधारी देवी बार-बार बेहोश हो रही थीं, जिसे देखकर वहाँ मौजूद लोगों की आँखें नम हो गईं। मृतका के पिता बार-बार यही कह रहे थे, "अगर उर्मिला मेरी बच्ची को उस अस्पताल में नहीं ले जाती तो आज वो जिंदा होती।"


प्रशासन की कार्रवाई

परिजनों ने दोषी चिकित्सकों पर कड़ी कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है। स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचकर परिजनों को शांत कराने और मामले की जांच का आश्वासन देने में जुटा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजीव वर्मन के निर्देश पर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के प्रभारी दिग्विजय सिंह और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बघुड़ी के अधीक्षक चंदन सिंह बिसेन के नेतृत्व में एक टीम ने मौके पर पहुँचकर परिजनों और पुलिस से घटना के बारे में जानकारी ली। इसके बाद, अस्पताल को सील कर दिया गया है और मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।