New Criminal Laws : वाराणसी में नए आपराधिक कानूनों के एक साल पूरे 8500 मुकदमे दर्ज, धोखाधड़ी के सर्वाधिक मामले
वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के लागू होने के एक साल में 8500 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। धोखाधड़ी के सर्वाधिक 655 मामले सामने आए, जबकि किशोरियों के अपहरण के 374 और दुष्कर्म के 68 केस दर्ज हुए। डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने बताया कि इन कानूनों का लक्ष्य शीघ्र और सुलभ न्याय सुनिश्चित करना है।

Varanasi News : भारत में नए आपराधिक कानूनों - भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 - को लागू हुए एक साल पूरा हो गया है। 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के 30 थानों में इन नए कानूनों के तहत कुल 8500 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
पुराने और नए कानूनों के तहत दर्ज मामले
ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 30 जून 2024 को समाप्त कर दिया गया था। हालांकि, 30 जून 2024 और उससे पहले की आपराधिक घटनाओं से संबंधित मुकदमे अभी भी अदालत या पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेश पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत ही दर्ज किए जा रहे हैं। नए कानूनों के लागू होने के बावजूद, बीते एक साल में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत भी 1387 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
सर्वाधिक मामले और अपराध के आंकड़े
नए आपराधिक कानूनों के तहत एक साल में दर्ज किए गए मुकदमों में सर्वाधिक संख्या धोखाधड़ी से संबंधित रही, जिसके 655 मामले दर्ज किए गए। दूसरे नंबर पर किशोरियों के अपहरण से संबंधित 374 मुकदमे दर्ज हुए।
अन्य प्रमुख अपराधों के आंकड़े इस प्रकार हैं:
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दुष्कर्म: 68 केस
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हत्या और गैर इरादतन हत्या: 32 केस
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लूट: 10 मुकदमे
नए कानूनों का उद्देश्य और प्रभाव
डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने नए आपराधिक कानूनों के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य एक ऐसी न्याय प्रणाली बनाना है जो नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे। यह सभी के लिए सुलभ और शीघ्र न्याय सुनिश्चित करते हुए कानून के शासन को बनाए रखती है। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की समीक्षा से मुकदमों की विवेचना (जांच) में बहुत सुविधा हुई है।
नए आपराधिक कानूनों का यह एक साल का आंकड़ा वाराणसी में अपराध के पैटर्न और नई न्याय प्रणाली के शुरुआती प्रभावों को दर्शाता है।