वाराणसी मंडल रेल में 29 कर्मचारी सेवानिवृत्त, DR M ने कहा- 'रेलवे एक परंपरा है, आप इससे अलग नहीं हो सकते'

वाराणसी मंडल रेल से 30 जून 2025 को विभिन्न विभागों के कुल 29 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। DRM विनीत कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें विदाई देते हुए कहा कि "रेलवे एक परंपरा है, आप इससे अलग नहीं हो सकते।" सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवा मेडल और समापक धनराशि का भुगतान किया गया।

वाराणसी मंडल रेल में 29 कर्मचारी सेवानिवृत्त, DR M ने कहा- 'रेलवे एक परंपरा है, आप इससे अलग नहीं हो सकते'

वाराणसी, उत्तर प्रदेश: उत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में 30 जून, 2025 को विभिन्न विभागों से कुल 29 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। मंडल रेल प्रबंधक (DRM) विनीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता और मंडल कार्मिक अधिकारी (इंचार्ज) अभिनव कुमार सिंह के नेतृत्व में, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के प्रेमचंद सभागार में एक सादे समारोह में इन कर्मचारियों को उनकी समापक धनराशि (सेटलमेंट राशि) का भुगतान किया गया।


सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मान और शुभकामनाएँ

इस अवसर पर DRM विनीत कुमार श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों की सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, "जब हम लोगों ने रेलवे में नौकरी ज्वाइन की थी, तो उस जॉइनिंग लेटर में लिखा था कि आप कोई सेवा या नौकरी नहीं ज्वाइन कर रहे हैं, आप एक परंपरा को ज्वाइन कर रहे हैं। रेलवे एक परंपरा है, आप इस परंपरा से सेवानिवृत्त हो सकते हैं, मगर इससे अलग नहीं हो सकते हैं। न रेलवे आपको भूलेगी न ही आप रेलवे को भूलेंगे।"

उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपने बचे हुए समय को परिवार और समाज को देने तथा अपने सामाजिक व नैतिक दायित्वों को पूरा करने का आग्रह किया। DRM ने यह भी बताया कि वाराणसी मंडल में पिछले कई सालों से सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके सभी देयों का पूरा भुगतान सेवानिवृत्ति के दिन ही कर दिया जाता है। यह लेखा और कार्मिक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के आपसी सामंजस्य और कठिन परिश्रम का परिणाम है। इस मौके पर उन्होंने सभी कर्मचारियों को सेवा मेडल प्रदान किए और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं, साथ ही उनकी लंबी और उल्लेखनीय सेवाओं के लिए आभार व्यक्त किया।


आर्थिक सुरक्षा और सतर्कता पर जोर

इससे पहले, मंडल कार्मिक अधिकारी (इंचार्ज) अभिनव कुमार सिंह ने सभी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को माला पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें उनके आई कार्ड, सेवा प्रमाण पत्र और पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) से संबंधित सभी दस्तावेजों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने विशेष रूप से प्राप्तियों के सोच-समझकर उपयोग करने पर जोर दिया और चेतावनी दी कि किसी व्यक्ति या संस्था के बहकावे या भावनाओं में बहकर धन का अनुचित उपयोग न करें। उन्होंने कहा, "बहुत से लोग ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं और तरह-तरह के प्रलोभन देकर धन फंसा देते हैं। सतर्क रहें, यह आपके जीवन की पूंजी है, बहुत आवश्यक हो तभी खर्च करें, यथासंभव अपनी प्राप्तियों को सुरक्षित रखने का प्रयास करें।"

अभिनव कुमार सिंह ने कहा कि कर्मचारियों ने अपने जीवन का एक लंबा समय रेलवे को दिया है और रेलवे उनके अनुभव से भविष्य में भी लाभ उठाता रहेगा। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि किसी भी समस्या की स्थिति में कर्मचारी उनसे मिल सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।


सेवानिवृत्त होने वाले प्रमुख कर्मचारी

30 जून, 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों में मीरा देवी (कार्यालय अधीक्षक, मंरेप्र कार्मिक), संजय कुमार पाण्डेय (वाणिज्य अधीक्षक, सहतवार), राजेश कुमार श्रीवास्तव (कार्यालय अधीक्षक, मंरेप्र, वाणिज्य वाराणसी), अभय कुमार मिश्रा (मु.टि.नि., गोरखपुर पूर्व), मुन्ना लाल (मु.टि.नि., वाराणसी), एम.पी. खान (ट्रेन मैनेजर, वाराणसी), ब्रजेश कुमार पाण्डेय (ट्रेन मैनेजर, वाराणसी), शिव कुमार यादव (कांटा वाला, इन्दारा), वशिष्ठ सिंह (कांटा वाला, हथुआ), संजय कुमार राय (स्टेशन अधीक्षक, गाजीपुर सिटी), मो. जमील (स्टेशन अधीक्षक, निगतपुर), अरुण कुमार राय (सी.से.ई., मऊ), शंकर राय (तकनीशियन, बलिया), मंगल यादव (वरि. तकनीशियन, औड़िहार), उमापति प्रसाद (वरि. सिगनल मेंटेनर, सीवान), आनंद कुमार (एम.सी.एम., गोरखपुर), बलराम सिंह (सी.से.ई., गोरखपुर), सुनील वर्मा (तकनीशियन, प्रयागराज रामबाग), नरेंद्र प्रताप सिंह (वरि. तकनीशियन, वाराणसी), बदरुल हसन (वरि. तकनीशियन, प्रयागराज रामबाग), हंसराज हक (सफाई वाला, मऊ), बुच्ची (सफाईवाला, बेल्थरारोड), मो. गरीब (मंडल चिकित्सालय, वाराणसी), अशोक (सी.से.ई., बलिया), दशरथ सिंह (ट्रैकमैनटेनर, गाजीपुर सिटी), रामप्रवेश प्रसाद (ट्रैकमैनटेनर, मऊ), वीरेंद्र (मेठ, कप्तानगंज), अम्बरीश प्रसाद (ट्रैकमैनटेनर, माधोसिंह) और मुस्तफा खां (खलासी, वाराणसी) जैसे कर्मचारी शामिल थे।

रेलवे ने अपने इन अनुभवी कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक विदाई दी और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।