क्या पीएम मोदी का दौरा था आतंकियों का असली टारगेट? पहलगाम हमले के बाद गहरी जांच जारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या आतंकियों का असली टारगेट प्रधानमंत्री मोदी का दौरा था। जानिए हमले के पीछे की साजिश और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बारे में।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले ने एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। हमले से कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान से सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों के संकेत मिले थे। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थलों, विशेष रूप से श्रीनगर के बाहरी इलाकों में हमले की योजना बनाई थी, और प्रारंभ में उनका टारगेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा को लेकर था।
खुफिया जानकारी और हमले का उद्देश्य
खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों का प्लान 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान हमला करने का था। इस यात्रा में पीएम मोदी को कटरा-श्रीनगर रेल सेवा का उद्घाटन करना था, और आतंकियों का उद्देश्य इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट से ध्यान हटाना हो सकता था। हालांकि, खराब मौसम के कारण पीएम मोदी की यात्रा रद्द हो गई और इसके बाद आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला कर दिया।
आतंकियों ने कैसे दिया हमला?
सूत्रों के मुताबिक, आदिल ठोकर और आसिफ शेख नामक दो स्थानीय आतंकियों ने पर्यटकों के बीच घुलमिल कर हमला किया। उन्होंने पर्यटकों को खाने-पीने के स्टॉल्स की ओर ले जाकर पुरुषों को अलग किया, जिससे हमला करना आसान हो गया। पहलगाम के बैसारन क्षेत्र में एंट्री और एग्जिट टिकट आधारित है और इस जगह की सुरक्षा को कड़ी बनाना था, लेकिन हमलावरों ने इस सुरक्षा में सेंध लगाई।
संवेदनशील इलाके और आतंकियों की योजना
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों के निशाने पर श्रीनगर के बाहरी इलाके, खासकर जबरवान पहाड़ियां और गगनगीर जैसे इलाके थे, जो पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। हमलावरों की योजना शुरू में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को निशाना बनाने की थी, लेकिन मौसम की वजह से उनकी यात्रा रद्द हो गई। फिर आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला किया, जिससे पूरे कश्मीर में आतंकवाद की लहर को बढ़ावा मिला।
???? आतंकी साजिश और पुलिस की कार्रवाई
कश्मीर पुलिस ने कहा कि आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर घाटी में सामान्य स्थिति की धारणा को तोड़ने की कोशिश की। वहीं, ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की भूमिका भी अहम रही, जो आतंकियों को मदद करते हैं। इन OGWs के घरों को बाद में तोड़ा गया और सुरक्षा बलों ने छापेमारी की।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस हमले की गहन जांच कर रही हैं और आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए रणनीति बना रही हैं। इसके अलावा, भारत सरकार ने पाकिस्तान पर यह दबाव बनाने की कोशिश की है कि वह आतंकी गतिविधियों को तुरंत रोकें और अपनी सीमा से आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसने से रोकें।
क्या है आगे की रणनीति?
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह इस तरह के हमलों का कड़ा जवाब देगी और आतंकवादियों को कभी भी बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बार-बार जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।
सारांश: पहलगाम हमले के बाद कई अहम सवाल खड़े हो गए हैं, जिनमें प्रमुख यह है कि क्या आतंकियों का असली टारगेट प्रधानमंत्री मोदी का दौरा था? सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए रणनीतियों पर काम कर रही हैं।