UP News : ब्राह्मण न होने पर भगवताचार्य को पीटा, चोटी काटी और सिर मुंडवाया चार गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहाँ ब्राह्मण न होने की जानकारी पर ग्रामीणों ने एक भगवताचार्य और उनके दो साथियों की पिटाई की, चोटी काटी, सिर मुंडवाया और नाक रगड़वाई। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Etawah Crime : उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक बेहद शर्मनाक और खौफनाक मामला सामने आया है। महेवा के दांदरपुर गांव में शनिवार रात ग्रामीणों ने ब्राह्मण न होने की जानकारी मिलने पर भगवताचार्य मुकट मणी (मुक्त सिंह) और उनके दो सहयोगियों के साथ बर्बरता की। ग्रामीणों ने भगवताचार्य का सिर मुंडवाकर चोटी काट दी, उनके दो साथियों के भी सिर मुंडवाए और नाक रगड़वाई। इतना ही नहीं, उन्हें गांव के लोगों के पैर छूकर माफी मांगने पर भी मजबूर किया गया। उनकी बाइक की हवा निकालकर दोबारा पंप से हवा भरवाई गई। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।
क्या था पूरा मामला?
दांदरपुर गांव में शनिवार को श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसमें भगवताचार्य मुकट मणी (मुक्त सिंह), जो सिविल लाइन थाना क्षेत्र के निवासी हैं, को व्यास के रूप में बुलाया गया था। उनके साथ दो सहयोगी, संत सिंह यादव (कानपुर देहात) और श्याम सिंह कठेरिया (अछल्दा) भी आए थे। कलश यात्रा और शाम को पाठ समाप्त होने के बाद, गांव में भगवताचार्य के ब्राह्मण न होने की चर्चा शुरू हो गई। यह जानकारी फैलते ही गांव के लोग आक्रोशित हो उठे और तीनों के साथ बर्बरता की।
मुकट मणी ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने उनसे ₹25 हजार नकद, एक सोने की चेन और एक अंगूठी भी लूट ली।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
सोमवार को पीड़ित मुकट मणी सपा सांसद जितेंद्र दोहरे, भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम और सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य के साथ एसएसपी से मिलने पहुंचे। एसएसपी के आदेश पर अतुल डीलर, पप्पू बाबा और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
पुलिस ने चोटी काटने में शामिल चार आरोपियों – निक्की अवस्थी (30), उत्तम अवस्थी (18), आशीष तिवारी (21), और प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे (24), सभी दांदरपुर गांव के निवासी – को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भगवताचार्य के आधार कार्ड पर विवाद
इस बीच, भगवताचार्य मुकट मणी के पास से दो अलग-अलग आधार कार्ड मिले हैं, जिनमें नाम और पता अलग-अलग हैं। एक आधार कार्ड पर उनका नाम मुकट मणी अग्निहोत्री और पता अछल्दा औरैया का है, जबकि दूसरे पर नाम मुक्त सिंह और पता इटावा का है। पुलिस की जांच में उनका असली पता शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के जवाहरपुर का निकला है, जिसका किसी भी आधार कार्ड में जिक्र नहीं है।
भगवताचार्य ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने बचाव के लिए उनका एक फर्जी आधार कार्ड बनवाकर पुलिस को सौंपा है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि पूछताछ करने पर बाबा ने खुद अपने आधार कार्ड दिए थे। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बाबा लगातार खुद को मथुरा और वृंदावन का बताकर भ्रमित करते थे और खुद को ब्राह्मण बताते थे। लेकिन शनिवार को कथा में आए उनके गांव के ही एक ग्रामीण ने उनके यादव होने की जानकारी दी थी, जिसके बाद यह घटना हुई।
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए कहा कि, "इटावा के बकेवर इलाके के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछी गई। पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बाल कटवाए।" उन्होंने इसे संविधान के विरुद्ध बताते हुए सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि आगामी तीन दिनों में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का आह्वान करेंगे। उन्होंने कहा कि "पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं।"
यह घटना समाज में जातिगत भेदभाव और हिंसा के गंभीर मुद्दे को सामने लाती है, जिस पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।