वाराणसी के शिवपुरवा में खुलेआम बिक रही एक्सपायरी देसी शराब, प्रशासन मौन!
वाराणसी के शिवपुरवा क्षेत्र में खुलेआम बेची जा रही है एक्सपायरी देसी शराब। 70 की जगह 80 रुपये में जबरन बिक रही है टेट्रा पैक शराब, प्रशासन बना है मूकदर्शक।

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। शहर के सिगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम चौकी के समीप स्थित शिवपुरवा इलाके में स्थित देसी शराब की दुकान पर खुलेआम एक्सपायरी डेट की देसी शराब ऊंचे दामों पर बेची जा रही है। यह ठेका अनुज्ञापि जयशंकर पाल के नाम पर है, जहां ग्राहकों को न केवल अधिक मूल्य चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है, बल्कि विरोध करने पर गुंडागर्दी और बदसलूकी भी की जा रही है।
एक्सपायरी शराब की बिक्री और ऊंचे दाम की वसूली
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिस टेट्रा पैक शराब की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) ₹70 है, उसे ₹80 में जबरन बेचा जा रहा है। जब ग्राहक इसका विरोध करते हैं, तो सेल्समैन द्वारा उनसे कहा जाता है कि "लेना है तो लो, नहीं तो यहां से भाग जाओ।" यही नहीं, शराब की बोतलों और पैकेट्स पर एक्सपायरी डेट साफ-साफ देखी जा सकती है, जिससे यह स्पष्ट है कि जानबूझकर नकली या खराब क्वालिटी की शराब ग्राहकों को बेची जा रही है।
प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत?
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस मामले की जानकारी आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस तक पहुँचने के बावजूद, अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जब ठेका संचालक जयशंकर पाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। यह वही ठेका है जिसे 2025-26 के आबकारी लाइसेंस वितरण के दौरान लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से दिया गया था।
मुख्यमंत्री के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शराब बिक्री में पारदर्शिता होनी चाहिए और कोई भी नियम विरुद्ध बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद वाराणसी के बीचों-बीच ऐसा खुलेआम हो रहा है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या शराब माफिया और प्रशासन के कुछ अफसरों के बीच मिलीभगत है?
जानलेवा हो सकती है यह लापरवाही
देसी शराब की खतरनाक प्रकृति से कोई अनभिज्ञ नहीं है। पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नकली और एक्सपायरी देसी शराब पीने से कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। कई पीड़ित लोग स्थायी रूप से अंधे भी हो चुके हैं। ऐसे में अगर इस प्रकार की लापरवाही जारी रही, तो शिवपुरवा में भी किसी बड़ी अप्रिय घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।
सवाल यह उठता है: अगर जानमाल की हानि हुई तो जिम्मेदार कौन?
सरकार और प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाए। अगर इस तरह से एक्सपायरी शराब बेची जा रही है और कोई अप्रिय घटना घटती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
स्थानीय जनमानस की मांग
स्थानीय निवासियों और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि शिवपुरवा स्थित देसी शराब के इस ठेके की तत्काल जांच की जाए, संबंधित लाइसेंस को रद्द किया जाए और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही आबकारी विभाग को भी चाहिए कि अन्य शराब की दुकानों की समय-समय पर औचक निरीक्षण करें।