जौनपुर में 'फर्जी डेथ सर्टिफिकेट' का चौंकाने वाला मामला: न्याय के लिए भटक रही पत्नी
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक महिला न्याय के लिए भटक रही है, जिसके पति की लखनऊ में मौत के बाद कथित तौर पर जौनपुर में एक 'फर्जी डेथ सर्टिफिकेट' बनवा लिया गया। महिला का आरोप है कि यह उसकी संपत्ति और नौकरी हड़पने की साजिश है और उसे जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक की मृत्यु के बाद उसके दो फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनने का आरोप लगा है। मृतक की पत्नी इन दोनों प्रमाण पत्रों को लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक गई है, लेकिन उसकी शिकायत पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पूरा मामला क्या है?
पूरा मामला सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के जमुहाई गांव का बताया जा रहा है। बुधवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ को प्रार्थना पत्र देकर सुवर्णा सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पति धीरेंद्र प्रताप सिंह की मौत एसपीजीआई लखनऊ में इलाज के दौरान 24 अप्रैल 2025 को हुई थी। मृत्यु के बाद वहाँ से डेथ सर्टिफिकेट भी जारी किया गया। धीरेंद्र प्रताप सिंह राष्ट्रीय इंटर कॉलेज जमुहाई, जौनपुर में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे।
एक ही व्यक्ति के दो डेथ सर्टिफिकेट कैसे?
सुवर्णा सिंह का आरोप है कि एसपीजीआई लखनऊ में पति की मौत होने के बाद जौनपुर में फर्जी तरीके से धीरेंद्र का दूसरा डेथ सर्टिफिकेट बना दिया गया। पीड़िता ने सवाल उठाया कि जब मृत्यु एसपीजीआई लखनऊ में हुई थी, तो जौनपुर के जमुहाई सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर उसी तारीख में डेथ सर्टिफिकेट कैसे बन सकता है? एक ही व्यक्ति के दो जगहों से डेथ सर्टिफिकेट कैसे बन सकते हैं?
सुवर्णा का आरोप है कि उसके मृत पति की संपत्ति और नौकरी हथियाने के लिए सीएचसी जमुहाई के चिकित्सकों से मिलकर जालसाजी की गई है, जिसकी निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
दो महीने से न्याय के लिए भटक रही पीड़िता
मृतक की पत्नी ने बताया कि वह अपने चार साल के बेटे को लेकर पिछले दो महीने से अधिकारियों के यहाँ चक्कर लगा रही है। अधिकारियों को दोनों डेथ सर्टिफिकेट देकर इसकी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। फिलहाल, पीड़िता ने बुधवार को जौनपुर दौरे पर पहुंची यूपी राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता बिंद से मिलकर भी न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
संपत्ति और नौकरी हड़पने की साजिश का आरोप
सुवर्णा सिंह ने बताया कि उनके पति का पूर्व में गायत्री सिंह के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद पति ने न्यायालय से गायत्री से संबंध खत्म कर लिए थे। इसमें गायत्री सिंह और बच्चों को एकमुश्त भरण पोषण राशि एवं अपनी संपत्ति की जमीन और दो मकान दिए गए थे। इसके बाद सुवर्णा अपने पति के साथ लाइन बाजार थाना क्षेत्र के वंशगोपालपुर स्थित मकान में रहने लगीं।
पति की तबीयत खराब होने पर सुवर्णा ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई समेत अन्य शहरों का रुख किया था और 22 अप्रैल को धीरेंद्र को एसपीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया था, जहाँ दो दिन बाद उनकी मौत हो गई।
सुवर्णा का आरोप है कि मृत्यु से पहले ही धीरेंद्र ने कॉलेज के प्रिंसिपल और चचेरे जेठ प्रबंधक रविंद्र प्रताप सिंह को प्रार्थना पत्र देकर अपनी सर्विस बुक से पहली पत्नी गायत्री, उसके बच्चे शिवम, प्रतीक्षा एवं प्रशाली का नाम हटाकर अपने नाबालिग बेटे ओशो और दूसरी पत्नी सुवर्णा सिंह का नाम दर्ज करने के लिए कहा था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आरोप है कि पति की मौत के बाद कोर्ट से संबंध खत्म होने के बावजूद पहली पत्नी गायत्री व अन्य लोगों द्वारा कूट रचित तरीके से जौनपुर से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर पति के नाम की संपत्ति और नौकरी हड़पने का प्रयास किया जा रहा है।
जान से मारने की धमकी का भी आरोप
इस फर्जीवाड़े की शिकायत करने के बाद पीड़िता का आरोप है कि आरोपियों द्वारा उसे और उसके नाबालिग बच्चे को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। फिलहाल, जौनपुर पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है।
क्या आप इस मामले में कोई और जानकारी चाहते हैं या जानना चाहेंगे कि ऐसे मामलों में क्या कानूनी प्रावधान होते हैं?