आपातकाल की 50वीं बरसी: CM मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों को किया नमन, कांग्रेस पर साधा निशाना
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपातकाल लागू होने की 50वीं बरसी पर तत्कालीन सरकार की आलोचना की। उन्होंने गणतंत्र की रक्षा के लिए जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित सभी देशभक्तों के संघर्ष और कुर्बानी को याद किया, और मीसाबंदियों को 'लोकतंत्र सेनानी' बताया।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देश में आपातकाल लागू किए जाने की 50वीं बरसी पर तत्कालीन सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र की रक्षा के लिए जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सहित सभी देशभक्तों ने आपातकाल के संघर्ष में जो कुर्बानी दी, वह सदा के लिए स्मरणीय है।
लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में संघर्ष और कुर्बानी का प्रतिफल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को मीडिया को जारी संदेश में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उस संघर्ष और कुर्बानी का ही प्रतिफल है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सुरक्षित है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में संघ परिवार ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने का काम किया था।
विपक्षी नेताओं के योगदान को सराहा
डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और श्रद्धेय मोरारजी देसाई सहित विपक्ष के सभी नेताओं को याद किया। उन्होंने कहा कि इन सभी नेताओं ने एक स्वर में आपातकाल का विरोध करते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संघर्ष स्वाधीनता संग्राम में क्रांतिकारियों के बलिदान की याद दिलाता है। इसीलिए सभी मीसाबंदियों (आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोग) को लोकतंत्र सेनानी का नाम मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि एशिया में अगर लोकतंत्र कहीं बचा है, तो उसमें जनता पार्टी सहित विपक्षी नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
गौरतलब है कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया था, जिसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन माना जाता है।