वैश्विक तनाव के बीच भारतीय डिफेंस सेक्टर में बूम: 6 महीने में मार्केट वैल्यू ₹3.12 लाख करोड़ बढ़ी
रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय डिफेंस सेक्टर में ज़बरदस्त तेज़ी देखने को मिली है। पिछले छह महीनों में 18 प्रमुख डिफेंस कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹3.12 लाख करोड़ का इज़ाफ़ा हुआ है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक सेक्टर बन गया है।

साल 2025 में वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, भारत-पाकिस्तान की तनातनी और अब ईरान-इज़रायल के बीच टकराव ने सभी देशों को अपनी सुरक्षा मज़बूत करने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे माहौल में भारत ने भी अपने डिफेंस सेक्टर में ज़बरदस्त तेज़ी दिखाई है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद देश की डिफेंस कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल आया है, जिससे निवेशकों को शानदार मुनाफा हुआ है।
डिफेंस सेक्टर में रिकॉर्ड उछाल
NSE के इंडिया डिफेंस इंडेक्स में शामिल 18 बड़ी डिफेंस कंपनियों की मार्केट वैल्यू सिर्फ छह महीनों में ₹3.12 लाख करोड़ बढ़ गई है। 31 दिसंबर 2024 को इन कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू लगभग ₹8.69 लाख करोड़ थी, जो 24 जून 2025 तक बढ़कर ₹11.81 लाख करोड़ हो गई। यह आंकड़ा AceEquity नाम की कॉरपोरेट रिसर्च कंपनी से लिया गया है, जो दर्शाता है कि डिफेंस सेक्टर ने निवेशकों को अच्छा-खासा मुनाफ़ा दिया है और देश की सुरक्षा ताकत भी पहले से ज़्यादा मज़बूत हुई है।
सबसे ज़्यादा चमकने वाले शेयर
इस मार्केट वैल्यू में बढ़ोतरी में सबसे बड़ा योगदान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) का रहा, जिसने अकेले ₹91,737 करोड़ का योगदान दिया। इसके बाद सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड ने ₹66,040 करोड़, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने ₹47,433 करोड़ और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने ₹42,589 करोड़ का इज़ाफ़ा किया। इसके अलावा, भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने ₹26,721 करोड़, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने ₹17,955 करोड़ और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भी करीब ₹16,437 करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज की।
अगर प्रतिशत में देखें तो जीआरएसई के शेयर सबसे ज़्यादा 97% ऊपर गए हैं। दिसंबर 2024 में इसका शेयर ₹1,617 था और अब यह ₹3,185 पर पहुंच गया है। सोलर इंडस्ट्रीज के शेयर 74%, भारत डायनामिक्स 65%, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज 63%, मझगांव डॉक 47% और बीईएल 43% बढ़े हैं। कोचीन शिपयार्ड और एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स के शेयरों में भी करीब 40% का उछाल आया है। मिश्रा धातु निगम, डेटा पैटर्न्स और एचएएल जैसे शेयरों ने भी 17 से 30% तक की बढ़ोतरी दिखाई है।
डिफेंस बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद
भारत सरकार ने साल 2025-26 के लिए डिफेंस बजट ₹6.8 लाख करोड़ रखा है, जो पिछले साल से करीब 6.3% ज़्यादा है। लेकिन इंडो-पैसिफिक इलाके और भारत-चीन, भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म InCred Equities का मानना है कि अगले साल यानी 2026-27 में डिफेंस बजट और बढ़कर लगभग ₹7.49 लाख करोड़ हो सकता है, यानी करीब 10% की बढ़ोतरी।
InCred Equities ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन तनावों की वजह से वायु रक्षा और एयर फ़ोर्स को मज़बूत करने की ज़रूरत और बढ़ गई है। ज़्यादा बजट मॉडर्नाइजेशन यानी नई तकनीक और उपकरणों की खरीद को सपोर्ट करेगा और स्वदेशी प्रोडक्शन यानी देश के अंदर बन रही चीज़ों पर ज़ोर देगा। साथ ही डिफेंस के सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर की भागीदारी भी बढ़ेगी।
निवेशकों के लिए आकर्षक सेक्टर
ब्रोकरेज फर्म्स भारतीय डिफेंस सेक्टर को लेकर काफी सकारात्मक सोच रखते हैं। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और डेटा पैटर्न्स को अच्छा माना है। उनका कहना है कि बढ़ते डिफेंस खर्च और निर्यात के बढ़ते मौके इन कंपनियों के शेयरों के लिए फायदेमंद होंगे। InCred Equities ने भी एचएएल और बीईएल को अपनी पसंद बताया है क्योंकि इन दोनों कंपनियों ने साल 2025 में देश के कुल डिफेंस प्रोडक्शन का लगभग आधा हिस्सा संभाला, जिससे ये स्वदेशी डिफेंस की रीढ़ बन गई हैं।
ग्रीन पोर्टफोलियो पीएमएस के फाउंडर दिवम शर्मा का कहना है कि दूसरी तिमाही से डिफेंस कंपनियों का प्रदर्शन और बेहतर होगा। सरकार अब स्वदेशीकरण और मॉडर्नाइजेशन पर ज़्यादा ज़ोर दे रही है, जिससे न सिर्फ सरकारी कंपनियों (DPSUs) बल्कि प्राइवेट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा। निवेशकों के लिए यह सेक्टर लंबे समय तक आकर्षक रहेगा।
क्या आप डिफेंस सेक्टर में निवेश के जोखिमों या किसी विशेष कंपनी के बारे में अधिक जानना चाहेंगे?