बिहार में अजीबोगरीब ट्रांसफर: जमुई का यह स्कूल अब 'बिना टीचर' के, प्रिंसिपल ने लगाई गुहार

बिहार शिक्षा विभाग द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर ट्रांसफर के बाद जमुई के मोरियाडीह स्थित एक सरकारी स्कूल में अब एक भी शिक्षक नहीं बचा है। प्रिंसिपल ने अधिकारियों से वैकल्पिक व्यवस्था की गुहार लगाई है, क्योंकि उनका खुद का भी ट्रांसफर हो गया है, जिससे स्कूल में पढ़ाई ठप होने का खतरा है।

बिहार में अजीबोगरीब ट्रांसफर: जमुई का यह स्कूल अब 'बिना टीचर' के, प्रिंसिपल ने लगाई गुहार
जुमई के एक प्राइमरी स्कूल के सभी टीचर्स का हुआ ट्रांसफर (AI जनरेटेड फोटो)

बिहार में शिक्षा विभाग शिक्षकों की लंबे समय से की जा रही मांग के बाद बड़े पैमाने पर उनका ट्रांसफर कर रहा है। स्कूलों और जिले के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियां तय कर शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा रहा है। इसी बीच, जमुई जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहाँ एक प्रिंसिपल ने गुहार लगाई है कि उनके स्कूल के सारे शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया है, जिससे पढ़ाई का काम रुक जाएगा। उन्होंने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।


मोरियाडीह स्कूल में अब कोई टीचर नहीं

जमुई जिले के चकाई अंचल के नवसृजित प्राइमरी स्कूल, मोरियाडीह की प्रिंसिपल वंदना कुमारी ने अपने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जानकारी दी है कि वह इस स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं और उनके साथ-साथ स्कूल के सभी शिक्षकों का ट्रांसफर हो गया है। खुद वंदना कुमारी का भी ट्रांसफर भागलपुर के मध्य विद्यालय नयागांव में हो गया है और वह 26 जून को अपने नए स्कूल में ज्वाइन करने जा रही हैं।

प्रिंसिपल वंदना ने बताया है कि उनके साथ सभी शिक्षकों का ट्रांसफर हो जाने के कारण स्कूल में अब कोई भी टीचर नहीं है। इससे स्कूल में पढ़ाई का कार्य नहीं हो सकेगा। इसलिए, स्कूल में पढ़ाई और अन्य कार्य का संचालन हो सके, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। प्रिंसिपल का यह लेटर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।


ट्रांसफर प्रक्रिया में विसंगतियां

राज्य में बड़े पैमाने पर शिक्षकों का ट्रांसफर शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस मांग को लेकर शिक्षक लंबे समय से विभाग से गुहार लगा रहे थे। हालांकि, यह भी खबर सामने आ रही है कि विभागीय स्तर पर किए गए इन ट्रांसफर में कई विसंगतियां हैं। कई शिक्षक नेताओं का यह भी कहना है कि शिक्षकों का ट्रांसफर उनकी सुविधा के लिए किया जा रहा था, लेकिन ऐसी विसंगतियां आ गई हैं कि इसका सीधा असर अब स्कूलों में पढ़ाई पर भी पड़ सकता है। ऐसे में विभाग को अपने स्तर पर इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने की कवायद करनी चाहिए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।