भारत में जेट इंजन क्रांति: HAL और GE एयरोस्पेस F-414 इंजन के सह-उत्पादन के करीब
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी रक्षा कंपनी GE एयरोस्पेस भारत में F-414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए एक बड़ी डील फाइनल करने जा रहे हैं। इस समझौते के तहत भारत को 80% अत्याधुनिक तकनीक का हस्तांतरण होगा, जो तेजस मार्क-2 और AMCA जैसे भारतीय लड़ाकू विमानों को शक्तिशाली बनाएगा।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी GE एयरोस्पेस भारत में जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए सहयोग करने जा रही हैं। यह महत्वपूर्ण डील मार्च 2026 तक फाइनल होने जा रही है। इस साझेदारी के तहत F-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीक का भारत को हस्तांतरण किया जाएगा। ये इंजन भारत के अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क-2 (LCA Mark-2) और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को दमदार बनाएंगे।
80% तकनीक ट्रांसफर पर सहमति
डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, GE एयरोस्पेस के साथ तकनीकी हस्तांतरण (ToT) को लेकर अहम बातचीत पूरी हो चुकी है और अब दोनों पक्ष व्यावसायिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि लगभग 80 प्रतिशत तकनीक भारत को ट्रांसफर की जाएगी। यह बातचीत अब लगभग पूरी हो चुकी है और मार्च 2026 तक यह डील तय होने की पूरी संभावना है।
F-414 इंजन दुनिया के कई देशों जैसे अमेरिका, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया के लड़ाकू जेट्स को शक्ति देता है। इसलिए इस प्रोजेक्ट में भारत को अमेरिका से तकनीक ट्रांसफर का समझौता होना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका अब तक अपनी रक्षा तकनीकों को लेकर सख्त नियंत्रण नीति अपनाता रहा है।
तेजस MK-2 और AMCA में होगा उपयोग
GE के इंजन न केवल तेजस MK-2 को ताकत देंगे, बल्कि भारत के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर प्रोटोटाइप AMCA में भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा। इसे लेकर HAL और GE एयरोस्पेस के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं।
यह डील भारत के तेजस प्रोग्राम और महत्वाकांक्षी AMCA प्रोजेक्ट के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। तेजस MK-2, MK-1A की तुलना में कहीं ज़्यादा ताकतवर होगा, जिसमें बेहतर इंजन, अधिक हथियार क्षमता, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और आधुनिक एवियोनिक्स शामिल होंगे।
मिग-21 की जगह लेंगे तेजस मार्क-2
वर्तमान में भारतीय वायुसेना लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपये की लागत से करीब 180 तेजस MK-1A लड़ाकू विमानों की खरीद कर रही है, जो सिंगल इंजन वाले होंगे और भारतीय वायुसेना के पुराने MiG-21 विमानों की जगह लेंगे। इसके साथ ही भारत AMCA पर भी काम कर रहा है, जो एक मीडियम-वेट डीप पेनिट्रेशन स्टील्थ फाइटर जेट होगा।
यह डील भारत की रक्षा क्षमताओं को आत्मनिर्भर बनाने और अत्याधुनिक विमानन प्रौद्योगिकी में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।