ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान सरकार अलर्ट मोड में, चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां रद्द, स्कूल-कॉलेज बंद

ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान सरकार ने भारत-पाक सीमा पर अलर्ट घोषित कर दिया है। 6 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, चिकित्सा विभाग की छुट्टियां रद्द और आपदा प्रबंधन के निर्देश जारी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान सरकार अलर्ट मोड में, चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां रद्द, स्कूल-कॉलेज बंद

जयपुर:
भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। इसके मद्देनज़र राजस्थान सरकार ने विशेष सतर्कता बरतते हुए राज्य के 6 सीमावर्ती जिलों — जोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर — में कई अहम कदम उठाए हैं।

राज्य सरकार ने न केवल चिकित्सा विभाग की सभी छुट्टियों को रद्द कर दिया है, बल्कि सभी स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी और मदरसों को अगले आदेश तक बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।


चिकित्सा विभाग की छुट्टियां रद्द, अलर्ट मोड पर अस्पताल

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रविप्रकाश शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि:

  • सभी कर्मचारी मुख्यालय पर ही रहें

  • मोबाइल फोन हर समय चालू रखें

  • अस्पताल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें

साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे और ब्लड बैंकों में आवश्यकता अनुसार रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।


 8 मई से स्कूल-कॉलेज बंद, परीक्षाएं स्थगित

राज्य सरकार ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीमावर्ती जिलों में स्थित सभी शैक्षणिक संस्थानों को 8 मई से अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला लिया है। जोधपुर सहित अन्य जिलों में कॉलेजों की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में जिला प्रशासन को आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में विशेष रूप से यह कहा गया कि कोई भी गतिविधि बिना प्रशासन की अनुमति के सीमावर्ती इलाकों में न की जाए।


राज्य सरकार ने संभावित खतरे को देखते हुए पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की योजना भी तैयार कर ली है। इसके तहत:

  • संवेदनशील गांवों की पहचान की जा रही है

  • ट्रांसपोर्ट, राशन और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है

  • सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी राहत शिविर बनाए जा सकते हैं


अति संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ी

राज्य सरकार ने निम्नलिखित संस्थानों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं:

  • अस्पताल, ऑक्सीजन प्लांट

  • बिजलीघर, पावर स्टेशन

  • तेल और गैस पाइपलाइन व डिपो

  • धार्मिक स्थल

इसके साथ ही अग्निशमन दलों को पूरी तरह एक्टिव मोड में रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे तुरंत मौके पर पहुंच सकें।


सोशल मीडिया और भड़काऊ कंटेंट पर नजर

गृह विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सोशल मीडिया पर कोई भी भड़काऊ या राष्ट्रविरोधी सामग्री पोस्ट करने वालों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन को ऐसे मामलों में तत्परता से कार्य करने और अफवाहों को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


NSS व NCC कैडेट्स की मदद ली जाएगी

आपदा प्रबंधन में तेजी और सामुदायिक सेवा को देखते हुए सरकार ने NSS (राष्ट्रीय सेवा योजना) और NCC (राष्ट्रीय कैडेट कोर) से जुड़े कैडेट्स की सेवाएं भी लेने के निर्देश दिए हैं। ये कैडेट्स राहत कार्यों में सहयोग करेंगे, जानकारी साझा करेंगे और आवश्यक सामग्रियों के वितरण में मदद करेंगे।


मुख्यमंत्री की अपील

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों से संयम और सतर्कता बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी तरह की अफवाहों से बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि "हमारी पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। सरकार हर कदम पर आपके साथ है।"