गोरखपुर में सुपर सोनिक बूम से गूंजा आसमान, 25 KM तक सुनाई दी धमाके जैसी आवाज, एयरफोर्स अभ्यास की पुष्टि
गोरखपुर के दक्षिणांचल में तेज धमाके जैसी आवाज सुनकर लोग सहम गए। 25 किलोमीटर तक यह आवाज सुनी गई। प्रशासन ने बताया कि यह वायुसेना का सुपर सोनिक बूम अभ्यास था।

गोरखपुर जिले के दक्षिणांचल इलाके में मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे एक तेज़ धमाके जैसी आवाज़ सुनाई दी, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
यह आवाज इतनी तेज थी कि 25 से 30 किलोमीटर के क्षेत्र में लोगों ने इसे महसूस किया और सोशल मीडिया व कॉल्स के माध्यम से अपने परिचितों से जानकारी जुटाने लगे।
कई इलाकों में महसूस हुआ कंपन
धमाके जैसी आवाज़ खजनी, गोला, बांसगांव, उरुवा, बेलघाट, धुरियापार सहित कई क्षेत्रों में सुनाई दी। लोगों का कहना था कि आवाज़ के साथ बिल्डिंगों में कंपन महसूस हुआ, जैसे कोई जोरदार विस्फोट हुआ हो।
लोगों को हुआ हमले का शक
घटना के वक्त देश के कई सीमावर्ती इलाकों से भारत-पाकिस्तान तनाव की खबरें आ रही थीं, जिससे लोगों में और भी ज्यादा घबराहट देखी गई।
स्थानीय लोग डर के मारे पुलिस, प्रशासन और मीडिया को लगातार फोन करने लगे। कुछ लोगों ने जमीन पर मलबा गिरने की आशंका जताई, तो कुछ ने हवाई हमले की अफवाहें फैलाईं।
प्रशासन ने दी सफाई: यह सुपर सोनिक बूम था
गोरखपुर के अपर जिला अधिकारी व प्रभारी आपदा अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने तुरंत स्थिति को संभालते हुए स्पष्ट किया कि यह कोई हमला या विस्फोट नहीं था।
उन्होंने बताया कि यह वायुसेना द्वारा किए जा रहे नियमित अभ्यास का हिस्सा था, जिसमें एक लड़ाकू विमान ने ध्वनि की गति (स्पीड ऑफ साउंड) से तेज़ उड़ान भरी। इस प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली तेज आवाज को "सुपर सोनिक बूम" कहते हैं।
क्या होता है सुपर सोनिक बूम?
जब कोई विमान ध्वनि की गति (लगभग 1235 किमी/घंटा) से अधिक स्पीड से उड़ान भरता है, तब वह वायुमंडल में ध्वनि तरंगों को पीछे छोड़ता है, जिससे एक तेज धमाके जैसी आवाज उत्पन्न होती है।
इस बूम से कांच खड़खड़ाने, दीवारों में कंपन जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, लेकिन यह सामान्य अभ्यास प्रक्रिया होती है और इससे किसी को नुकसान नहीं होता।
प्रशासन ने अफवाहों से बचने की अपील की
जिला प्रशासन ने स्पष्ट संदेश जारी करते हुए लोगों से कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही कोई भ्रामक सूचना फैलाएं।
विनीत सिंह ने कहा:
"यह एक नियमित रूप से होने वाला अभ्यास है। इसमें किसी भी व्यक्ति को घबराने अथवा डरने की आवश्यकता नहीं है। सुपर सोनिक बूम से उत्पन्न ध्वनि सामान्य है और इससे कोई खतरा नहीं है।"
लोगों ने जताई प्रशासन से नाराजगी
हालांकि, कई लोगों ने शिकायत की कि ऐसी घटनाओं की पूर्व सूचना दी जानी चाहिए, ताकि लोग अकारण भयभीत न हों।
कुछ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर यह अभ्यास था तो लोकल मीडिया या गांव के प्रशासन को पहले जानकारी मिलनी चाहिए थी।
सुरक्षा के माहौल में संवेदनशीलता जरूरी
देश की सीमा पर चल रहे तनाव और बीते दिनों कई राज्यों में हुई आतंकी गतिविधियों के मद्देनज़र, लोग इन ध्वनियों को गंभीर खतरे से जोड़ने लगे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि वायुसेना को यदि कोई अभ्यास करना हो तो जनता को अलर्ट करना जरूरी होता है, ताकि अफवाहें और डर का माहौल न बने।
निष्कर्ष:
गोरखपुर में हुए तेज धमाके जैसी आवाज़ ने दिखा दिया कि सुरक्षा और पारदर्शिता के बीच संतुलन बेहद जरूरी है।
हालांकि यह वायुसेना का नियमित अभ्यास था और किसी प्रकार का खतरा नहीं था, फिर भी लोगों की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि प्रशासन को सूचना व्यवस्था और जनता की जागरूकता पर और काम करने की जरूरत है।