भागलपुर में विधवा महिला ने कांग्रेस नेता पर लगाया यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

बिहार के भागलपुर में एक विधवा महिला ने कांग्रेस के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष पर तीन साल तक यौन उत्पीड़न और गर्भपात कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भागलपुर में विधवा महिला ने कांग्रेस नेता पर लगाया यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

भागलपुर में कांग्रेस नेता पर यौन उत्पीड़न का आरोप, पुलिस मामले की जांच में जुटी

बिहार के भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक विधवा महिला ने कांग्रेस के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष सुनील तिवारी पर तीन साल तक यौन उत्पीड़न करने और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


पीड़िता का दर्दनाक बयान और वायरल हुआ ऑडियो

पीड़िता ने बताया कि उनका पति पाँच साल पहले निधन हो गया था और वे दो बच्चों की मां हैं। महिला ने आरोप लगाया है कि सुनील तिवारी ने उनके साथ लगातार तीन साल तक शारीरिक शोषण किया। दो बार गर्भवती होने पर जब महिला ने बच्चे को जन्म देने से मना किया, तो कांग्रेस नेता ने गर्भपात कराने के लिए दबाव डाला। साथ ही धमकी भी दी गई कि बच्चे को जान से मार दिया जाएगा।

वायरल हुए ऑडियो में सुनील तिवारी महिला को मनाने की कोशिश करते दिखे, जिसमें वे कहते हैं:
"सलुआ माय तुम हमको छोड़कर क्यों चले गई, मेरा मन नहीं लग रहा है। हम तुम्हारे साथ रहना चाहते हैं। लौट कर आ जाओ। 4 साल तुमको रखा, पैसा दिया, बच्चे का भी सब कुछ किया। अब तुमको क्या हो गया जो तुम भाग गई?"

इसके बाद वह शादी का प्रस्ताव देते हुए कहते हैं,
"तुमसे शादी करना चाहता हूँ। चलो देवघर मंदिर में सिंदूर देंगे। सारा सुख देंगे। कितना पैसा चाहिए? क्या चाहिए जमीन चाहिए? सब कुछ देंगे, तुम बस मेरे पास आ जाओ।"


महिला ने साफ मना किया, आरोपी ने जताई दर्दनाक भावना

महिला ने ऑडियो में जवाब दिया,
"मुझे आपके पास नहीं जाना है। कुछ नहीं चाहिए मुझे, आपसे मन उचट गया है।"

इस पर आरोपी भावुक होकर कहते हैं,
"हम कैसे रहेंगे तुम्हारे बिना? बहुत दुख में हूँ। क्या मुझ पर तुम्हें दया नहीं आती? मुझ पर रहम करो, वापस आ जाओ। तुम्हारे बच्चे की जिम्मेदारी भी उठाएंगे।"


आरोपी नेता का पक्ष और पुलिस की जांच

सुनील तिवारी, जो कि वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह सब उन्हें फंसाने की साजिश है। उन्होंने बताया,
"थाने में कोई भी शिकायत दर्ज करवा सकता है, इसका मतलब यह नहीं कि मैं दोषी हूँ।"

जगदीशपुर थाना अध्यक्ष ने भी पुष्टि की है कि शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष

यह मामला बिहार में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन उत्पीड़न के मुद्दे को फिर से ताजा करता है। साथ ही राजनीतिक नेताओं पर लगे ऐसे गंभीर आरोपों की जांच और न्याय व्यवस्था की भूमिका पर भी सवाल उठता है। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर पीड़िता को न्याय दिलाया जाए।