UP news: यूपी में 13 रुपये/यूनिट तक हो सकती है बिजली, नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से माँगा जवाब, उपभोक्ता सकते मे ?

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UP news: यूपी में 13 रुपये/यूनिट तक हो सकती है बिजली, नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से माँगा जवाब, उपभोक्ता  सकते मे ?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी और स्लैब में बदलाव को लेकर घमासान मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) के प्रस्ताव पर नियामक आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को बिजली कंपनियों से जवाब-तलब किया है। आयोग ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दो स्लैब को मर्ज करने और फिक्स व एनर्जी चार्ज में व्यापक बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है।


क्या हैं नियामक आयोग के सवाल और कितना बढ़ेगा बिल?

नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से यह बताने को कहा है कि आखिर उन्होंने दरों में इतनी बढ़ोतरी का प्रस्ताव क्यों दिया है। साथ ही, यह भी स्पष्ट करें कि एक स्लैब क्यों कम कर दिया गया है? पहले 101-150 यूनिट, 151-300 यूनिट और 300 से अधिक यूनिट के स्लैब थे, लेकिन कॉरपोरेशन ने अब इसे 101-300 और 300 से ज़्यादा यूनिट का कर दिया है।

प्रस्तावित एआरआर (एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट) को सुनवाई के लिए मंजूर करने के बाद, पावर कॉरपोरेशन ने जो नई दरें प्रस्तावित की हैं, उनके मुताबिक शहरी इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली ₹6.50 प्रति यूनिट से बढ़कर ₹9 प्रति यूनिट तक हो सकती है। हालांकि, इसमें फिक्स चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी जोड़ने के बाद ये दरें प्रभावी तौर पर ₹9 से ₹13 प्रति यूनिट तक पहुँच जाएँगी।

मौजूदा दरों पर बिजली बिल (उदाहरण):

स्वीकृत भार कुल यूनिट वर्तमान भुगतान (₹) दर/यूनिट (₹)
1KW 100 660 6.60
2KW 200 1345 6.73
3KW 300 2055 6.85
5KW 500 3575 7.15
5KW 200 1675 8.38

प्रस्तावित दरों पर बिजली बिल (उदाहरण):

स्वीकृत भार कुल यूनिट वर्तमान भुगतान (₹) दर/यunit (₹)
1KW 100 840 8.40
2KW 200 1830 9.15
3KW 300 2830 9.40
5KW 500 5000 10.00
5KW 200 2400 12.00

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की दायर याचिका के बाद आयोग ने कंपनियों को ये निर्देश जारी किए हैं और सभी बिजली कंपनियों से इन प्रस्तावित दरों पर आपत्तियां मांगी हैं।


विवाद लगातार गरमा रहा है

बिजली दरों में वृद्धि का यह मामला लगातार गरमा रहा है। उपभोक्ता परिषद सीधे तौर पर पावर कॉरपोरेशन को निशाने पर ले रहा है। वहीं, बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी और अधिकारी भी प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे विरोध का दौर जारी है।

अब देखना होगा कि नियामक आयोग इस पर क्या अंतिम फैसला लेता है, और क्या उपभोक्ताओं को इस प्रस्तावित भारी वृद्धि से कुछ राहत मिल पाएगी।