यूपी में धर्मांतरण के खिलाफ अभियान: 1000 सिखों की घर वापसी मिशनरियों के निशाने पर थारू जनजाति
यूपी में सिख संगठनों के प्रयासों से 1000 लोगों की 'घर वापसी'। धोखे से धर्म परिवर्तन कराया गया। अब थारू जनजाति भी मिशनरियों के निशाने पर है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में सिख संगठनों के लगातार प्रयासों से धर्म परिवर्तन कर चुके 1000 लोगों ने घर वापसी की है। इन लोगों को धन और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया था। इस बात की जानकारी मंगलवार (17 जून 2025) को राजधानी में ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल और लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक प्रेस वार्ता में दी।
पीलीभीत में हुआ बड़े पैमाने पर धर्मांतरण
काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि पीलीभीत में नेपाल सीमा से सटे बैल्हा, टाटरगंज उर्फ सिंघाड़ा, वमनपुरी आदि क़रीब 12 ग्राम सभाओं में क़रीब 22 हज़ार की आबादी रहती है। इन ग्राम पंचायतों में अधिकांश आबादी राय सिख समुदाय की है। अंधविश्वास, अशिक्षा और मूलभूत सुविधाओं की कमी का फ़ायदा उठाकर यहाँ बड़े स्तर पर धर्मांतरण कराया गया।
वर्ष 2020 से अब तक क़रीब 3000 सिखों का धर्मांतरण कराया जा चुका था। इसका पता चलने पर जाँच के बाद ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल और लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फरवरी 2025 में एक कार्यक्रम का आयोजन कर इन लोगों की घर वापसी कराई। अब तक 1000 लोगों की घर वापसी हो चुकी है और इसके साक्ष्य भी मौजूद हैं। हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि घर वापसी के प्रयास अभी भी जारी हैं, और धर्मांतरण की मुख्य वजह कमज़ोर आर्थिक स्थिति, अशिक्षा और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
पीड़िता ने बयां किया दर्द, पुलिस ने की कार्रवाई
प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद एक पीड़िता संत कौर और उनके पति रतन सिंह ने बताया कि उन्हें बीमारी ठीक करने और 50 हज़ार रुपये का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था, लेकिन बाद में पैसे नहीं दिए गए। जब रतन सिंह ने धर्म परिवर्तन से इनकार किया, तो आरोपियों ने उन्हें बेरहमी से पीटा भी। हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि काउंसिल ने पीलीभीत के डीएम और एसपी की सहायता से संत कौर समेत क़रीब एक हज़ार लोगों की घर वापसी कराई और दोषियों को जेल भी भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में 2002 से अब तक क़रीब साढ़े छह लाख लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है, लेकिन वहाँ की सरकारों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
थारू जनजाति भी मिशनरियों के निशाने पर
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क के आसपास बड़ी संख्या में गरीब तबके के हिंदू, राय सिख और थारू जनजाति के लोगों को भी धन का प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराया गया है।
हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि पीलीभीत के राय सिखों के अलावा, लखीमपुर खीरी में गौरीफंटा, चंदन फाटक, तिकुनिया, निघासन आदि इलाक़ों में थारुओं का भी धर्मांतरण कराया गया है। धर्मांतरण के बाद, इन सिखों और थारुओं को पास्टर बना दिया गया है। ये लोग दो तरह की सभाएँ लगाते हैं: शनिवार को सिखों की सभा और रविवार को थारुओं और हिंदुओं की सभा।
यह अभियान उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के ख़िलाफ़ जारी प्रयासों का एक हिस्सा है और इन गरीब व वंचित समुदायों को बचाने के लिए सामाजिक संगठनों का प्रयास सराहनीय है।