गुजरात: फर्जी दस्तावेजों के सहारे दो बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार, एक ने की दो बार शादी
गुजरात के पाटन में दो बांग्लादेशी महिलाएं फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड बनवाकर अवैध रूप से रह रही थीं। एक महिला ने भारत में दो बार शादी भी की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गुजरात: जाली दस्तावेजों के साथ दो बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार, एक ने भारत में दो बार की शादी
गुजरात के पाटन जिले में अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान पत्र जैसे आधार और पैन कार्ड बनवाने, पहचान छुपाकर होटल में काम करने, और भारत में शादी करने जैसे गंभीर आरोप हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि इनमें से एक महिला ने भारत में दो बार शादी की, जबकि वह पहले से बांग्लादेश में विवाहित थी और उसके चार बच्चे भी हैं।
कैसे हुआ मामला उजागर?
पुलिस उपाधीक्षक (DSP) वी.के. नयी ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती घुसपैठ को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पाटन में 32 संदिग्धों की पहचान की गई थी। इन्हें दस्तावेजों की जांच के लिए थाने बुलाया गया। जांच के दौरान दो महिलाएं—सुल्ताना (32) और ब्यूटी बेगम उर्फ रिया शाह (37)—के दस्तावेजों में गंभीर विसंगतियां पाई गईं। इसके बाद सघन पूछताछ में उन्होंने अपनी असली पहचान उजागर की।
सुल्ताना का दोहरा जीवन
पुलिस के अनुसार, सुल्ताना बांग्लादेश की मूल निवासी है और पहले से शादीशुदा है। उसके चार बच्चे भी हैं। वर्ष 2022 में वह अवैध रूप से भारत आई और पाटन में बस गई। यहां उसने एक होटल में काम शुरू किया और पहचान छिपाकर दो बार शादी भी की।
सुल्ताना ने सूरत में अपना दूसरा विवाह प्रमाणपत्र बनवाया और आधार कार्ड व पैन कार्ड भी हासिल कर लिया। पुलिस को उसके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट और वहां की सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र भी मिले हैं। उसने पूछताछ में बताया कि बिहार निवासी मोहम्मद अली ने उसे भारत में घुसने में मदद की थी।
ब्यूटी बेगम की फर्जी पहचान
दूसरी महिला, ब्यूटी बेगम उर्फ रिया शाह, ने भी 2022 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। उसने अहमदाबाद के दानीलिमड़ा क्षेत्र का पता देकर आधार कार्ड बनवाया और पाटन के एक होटल में नौकरी कर ली। दस्तावेजों की जांच के दौरान उसका जन्म प्रमाण पत्र मिला, जिससे पुष्टि हुई कि वह बांग्लादेशी नागरिक है।
पुलिस के अनुसार, ब्यूटी ने भी पहचान छुपाकर लंबे समय तक भारत में निवास किया और स्थानीय नागरिक की तरह जीवन बिता रही थी। उसने भी भारत में अपनी मौजूदगी को वैध साबित करने के लिए फर्जी कागजातों का सहारा लिया।
आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि दोनों महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड हासिल किया, और उसका इस्तेमाल न केवल भारत में रहने के लिए बल्कि बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों को पैसे भेजने के लिए भी किया। उन्होंने कोलकाता स्थित अपने संपर्कों के माध्यम से इन लेन-देन को अंजाम दिया।
यह भी सामने आया है कि इन दस्तावेजों के दम पर उन्होंने भारत में कई सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने की कोशिश की थी।
अगला कदम: देश निकाला की प्रक्रिया शुरू
पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें जल्द ही बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
DSP वी.के. नयी ने बताया कि मामले में अन्य संलिप्त लोगों की भी जांच की जा रही है, खासतौर पर वह नेटवर्क जो बांग्लादेश से लोगों को अवैध रूप से भारत में घुसाने और दस्तावेज बनवाने में मदद करता है।
गंभीर सवाल: दस्तावेज प्रणाली पर खतरा
यह घटना भारत की दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। यदि कोई व्यक्ति सीमा पार से आकर आसानी से आधार कार्ड और अन्य सरकारी पहचान पत्र बनवा सकता है, तो यह देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कठोर निगरानी और कड़ी सजा जरूरी है, ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न हो।
निष्कर्ष
गुजरात के पाटन जिले में सामने आया यह मामला देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है। फर्जी दस्तावेजों के बल पर अवैध रूप से भारत में रहना और सरकारी पहचान पत्र हासिल करना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इस तरह की घटनाएं केवल कानून व्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरा हैं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वे दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त करें तथा ऐसे मामलों की गहन छानबीन कर अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को तोड़ें।