Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के बाद बनारस हाई अलर्ट पर, सड़कों पर उतरी फैंटम बाइक, मंदिर-स्टेशन पर कड़ी चौकसी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद वाराणसी में हाई अलर्ट, फैंटम बाइक पर 200 जवान सड़कों पर उतरे, मंदिर से रेलवे स्टेशन तक कड़ी चौकसी। जानें शहर में सुरक्षा के कैसे किए गए हैं पुख्ता इंतजाम।

Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के बाद बनारस हाई अलर्ट पर, सड़कों पर उतरी फैंटम बाइक, मंदिर-स्टेशन पर कड़ी चौकसी

वाराणसी: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जा रही है, जहां धार्मिक, सामरिक और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा एजेंसियां पल-पल नजर रख रही हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं।

गुरुवार की देर रात बनारस की सड़कों पर सुरक्षा का एक अलग ही नजारा देखने को मिला। फैंटम बाइक पर सवार लगभग 200 जवान शहर में गश्त करते हुए दिखाई दिए। इस कवायद का मकसद आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना को मजबूत करना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई करना था। इस दौरान शहर के प्रमुख केंद्र - रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और गंगा के घाटों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक बढ़ा दिया गया है।

विश्वनाथ मंदिर किले में तब्दील, 600 से ज्यादा जवान तैनात:

काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सामान्य दिनों की तुलना में इस समय मंदिर परिसर में तीन गुना से भी ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। अकेले मंदिर के अंदर 600 से अधिक जवान मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं। इसके अलावा, संकट मोचन मंदिर, बाबा कीनाराम स्थल और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर भी सुरक्षा कर्मियों की संख्या में इजाफा किया गया है।

ड्रोन कैमरे से चप्पे-चप्पे पर नजर:

सुरक्षा एजेंसियों से मिले ताजा इनपुट के बाद पूरे शहर को कड़ी निगरानी में रखा गया है। आधुनिक ड्रोन कैमरे दिन-रात वाराणसी के हर कोने की निगरानी कर रहे हैं। इन कैमरों से मिलने वाले लाइव फुटेज को कंट्रोल रूम में लगातार मॉनिटर किया जा रहा है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।

रेलवे स्टेशनों पर GRP-RPF की संयुक्त गश्त:

रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा का घेरा और मजबूत कर दिया गया है। राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की संयुक्त टीमें पूरी रात स्टेशनों पर गश्त करती रहीं और हर यात्री की गहन तलाशी ली गई। वाराणसी जंक्शन, बनारस स्टेशन, काशी स्टेशन, कैंट बस अड्डा और बाबतपुर एयरपोर्ट को अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जहां विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू है।

मॉकड्रिल से परखी गई सुरक्षा व्यवस्था:

गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर भारी गोलीबारी की खबरों के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की अपनी तैयारियों को परखने के लिए मॉकड्रिल भी की। इस मॉकड्रिल में थल, जल और नभ - तीनों माध्यमों से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का अभ्यास किया गया।

जुमे की नमाज को लेकर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती:

शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। गंगा घाट, संकट मोचन मंदिर, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS), विशेष कार्य बल (STF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), विशेष अभियान समूह (SOG) और स्थानीय पुलिस बल पूरी तरह से सक्रिय हैं। इसके साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की टीमें भी लगातार खुफिया जानकारी जुटा रही हैं और निगरानी कर रही हैं।

मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पैदल गश्त:

वाराणसी के मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस द्वारा पैदल गश्त भी बढ़ा दी गई है, ताकि लोगों के बीच सुरक्षा की भावना बनी रहे। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर विशेष रूप से नजर रखी जा रही है और किसी भी भ्रामक या उकसाने वाले पोस्ट पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

देशभर में फैले इस हाई अलर्ट के माहौल में वाराणसी प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं और हर गतिविधि पर Bariki से नजर बनाए हुए हैं। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि उन्हें कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें।